नई दिल्ली (IDS) उपराष्ट्रपति श्री मोहम्मद हामिद अंसारी ने आज जवाहर लाल विश्व विद्यालय, नई दिल्ली द्वारा आयोजित ‘इतिहास और इतिहासकार’ विषय पर भारतीय इतिहास कांग्रेस के 75वें सत्र का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि आज इतिहास लेखन और इतिहास शिक्षण को और समकालिन प्रासंगिकता और अधिक बढ़ गयी है। हम राष्ट्र, राज्यों की दुनिया में रह रहे हैं लेकिन समरूप राष्ट्र राज्य का विचार स्पष्ट रूप से समस्या भरा है। आज की अधिकतर समरूप समाजों में भी विविधता की पहचान होती है। आधुनिक समय में वैश्विक परिदृश्य में जटिलताएं और तनाव हैं।
उपराष्ट्रपति ने कहा है कि भारत में 4635 समुदाय हैं और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय पहचान बनाने में सभी समुदायों पर नज़र ऱखने की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि इतिहासकार के लिए उदार होना आवश्यक है।
श्री मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि इतिहास को संकिर्ण राजनीतिक औऱ आर्थिक दायरे से ऊपर होने पर अब कोई विवाद नहीं रह गया है। आवश्यकता इस बात कि है कि इतिहास व्यापक हो और समाज के उन समूहों का समावेश करे जो अभी तक उपेक्षित रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि इतिहास का अध्ययन अलग-थलग रुप में नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस संदर्भ में समकालिन फ्रांसीसी इतिहासकार लेरॉय लेदुरे को उदृत किया। फ्रांसीसी इतिहासकार ने कहा था ‘इतिहास अतीत की ओर मुड़े सभी सामाजिक विज्ञानों का समिश्रण हैं’।