Indore Dil Se - Artical

हनीप्रीत . . . . खुद को इंसान मानने में शर्म आ रही है

हनीप्रीत खुद को इंसान मानने में शर्म आ रही है
सैक्सी हो! दिमाग में बसी जिस्म की मंडी में गरम गोश्त बेचा जा रहा है…

हनीप्रीत…तुमने अपने नाम के साथ इंसा लगाया था। आज मुझे खुद को, अपने साथियों को इंसान कहने में शर्म आ रही है। 25 अगस्त को बाबा रामरहीम गिरफ्तार हुआ। इस गिरफ्तारी के बीच चर्चा में आया नाम …हनीप्रीत का, रामरहीम की मुंहबोली बेटी। जो कभी उसकी फिल्मों की हिरोइन थी तो कभी डेरे के हर काम की राजदार। फिर धीरे-धीरे सार्वजनिक रुप से हनीप्रीत के चीरहरण का दौर शुरु हुआ। मीडिया के हर धड़े ने हनीप्रीत को औऱ अधिक नंगा किया…कभी हनीप्रीत का सिली एक्स हसबैंड सामने आया तो कभी कुछ फोटो। एक्स हसबैंड ने कहा कि उसने बाबा और हनीप्रीत को अवैध संबंध बनाते देखा, तो महाराज तब क्यों नहीं बोले, या फिर अब बोलकर क्या फायदा। आप किस बहती गंगा में हाथ धोना चाहते हैं या फिर आपकी पौरुष ग्रंथी ने अभी ही जोर मारना शुरु किया है।

अभी महीने भर पहले ही मेरे देश में एक कानून बना है ‘निजता के अधिकार’ का कोई उल्घंन नहीं कर सकता। बाबा औऱ हनीप्रीत के बीच में जो भी संबंध था वह आपसी सहमती से था। दोनों व्यस्क थे…अभी तक कानूनन ऐसे तथ्य सामने नहीं आए हैं जिनसे ये पता चला कि हनीप्रीत गुरमीत के अवैध धंधों में शामिल थी या लड़कियां स्पलाई करती थी। अकल पर पड़े जाले हटाएं औऱ कुछ सोचे, तो समझ आएगा कि टीवी चैनल ही दिखा रहे हैं हनीप्रीत बाबा गुरमीत के लिए पजेजिव थी। जुनूनी थी…इस हद तक की बाबा की पत्नी तक को लैंप लाइटिंग के समय हटा दिया, वह हनीप्रीत बाबा के पास जवान लड़कियों को भेजेगी।

एक लड़की जब प्यार करती है तो जुनूनी हो जाती है, उस जुनून और प्यार का पोस्टमार्टम कीजिए…आपको हक है! बीच बाजार उसके कपड़े उतारिए। देखिए उसके शरीर का अंग-प्रत्यंग कैसा है। ऐसा क्या है हनीप्रीत में कि बाबा उस पर मोहित था, सबको पता चलना चाहिए। आपकी कुंठित मानसिकता में सैक्स के जो भथोरे चित्रण हैं वह पूरे होंगे। तभी तो टीआरपी के मैदान में हनीप्रीत गरम गोश्त की तरह है। बिक रही है…बेचा जा रहा है। बिना उसकी सहमती के, उसके बेडरुम में बिना कैमरा लगाए वहां की चटपटी बातों को मसाला लगाकर चटखारे लेकर खाया जा रहा है। कितनी गंदगी भरी है हमारे दिमाग में….निजी चैनल हनीप्रीत तक पहुंच जाते हैं। उन साध्वियों का संघर्ष कोई सामने नहीं लाता। ऐसी महिलाओं को सामने नहीं लाया जाता जो गुरमीत का शिकार बनी हैं। आज तक मानसिक अवसाद में हैं। उन्हें गुरमीत के अलावा किन-किन और लोगों को तश्तरी में परोसा गया है। यह तो पता लगाइए। किसी महिला की सहमती के बिना यौनशोषण बालात्कार है। पता कीजिए डेरे में कितने और बलात्कारी हैं जो सफेद कॉलर पहने हनीप्रीत नाम के बुर्के में अपना चेहरा छिपाने में सफल हो गए हैं।

गुरमीत की मुंहबोली बेटी का चीरहरण करते हुए हम भूल जाते हैं कि हमें नंगा तो दुर्योधन को करना था। अब सभी चैनलों में हनीप्रीत शामिल हैं क्योंकि उसका शरीर बेचा जा सकता है, वो सरलता से अवलेबल है। विजुवली बिकाऊ आयटम है। खूबसूरत, कैमरा फ्रेंडली चेहरा औऱ पढ़ी लिखी लड़की। कुल मिलाकर साफ्ट पोर्न है जो मेरे ड्राइंगरुम में न्यूज चैनलों के जरिए पहुंच चुका है। गुरमीत के कारनामों को खंगालने में वक्त लगेगा। पत्रकारों की जान को खतरा भी है…मुझे समझ नहीं आ रहा एक हनीप्रीत के पीछे ही मीडिया क्यों पड़ा है। अब तक गुरमीत के कई सफेदपोश साथियों का नाम क्यों सामने नहीं आ रहा। कहीं यह चाल तो नहीं…अनेक सफेदपोश महान व्यक्तियों के गिरेबां को बचाने के लिए एक औरत की निजता को तार-तार किया जाए। अभी तो कई नाम सामने आने थे। वे नाम जो गुरमीत राम-रहीम के साथ ‘गंदा है पर धंधा है’ ये कर रहे थे। वे नाम जो उसकी फिल्मों, व्यापार-व्यवसाय के जरिए अपना काला धन सफेद कर रहे थे। वे जिन्होंने गुरमीत के आश्रम को अपना अड्डा बना रखा था…अय्याशी का अड्डा।

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श्रुति अग्रवाल

अंत में इतना ही ….मैं डिजिटल युग में जीती हूं । इसलिए चाहती हूं कि हर महिला ‘निजता के अधिकार’ को समझे। समझे ‘राइट टू प्राइवेसी’ को। समझे अपने मौलिक अधिकार को। समझे उसकी इज्जत को तार-तार करने वाले की वो खुद ‘कानूनन’ धज्जियां उड़ा सकती है। हनीप्रीत के पक्ष में श्रुति नहीं लेकिन हर उस महिला के पक्ष में खड़ी होना चाहती है जिसे कहा जाता है वो खूबसूरत है, वाचाल है इसलिए द्रोपदी की तरह उसका चीरहरण होना चाहिए, या फिर वह रात को क्यों निकलती है? आधुनिक कपड़े क्यों पहनती है? लक्ष्मणरेखा पार ना करती तो सीता मईया का रावण अपहरण करके ना ले जाता। खुलकर जी लीजिए अपनी जिंदगी, यदि कोई बीच में आकर आपका मानमर्दन करने की कोशिश करता है तो हुंकार लगाइए, आपके साथ कानून खड़ा है, आपको बस अपने पैरों पर मजबूती से खड़े होने की जरुरत है।

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One comment

  1. सच कहने का इससे स्पष्ठ साहस शायद ही कोई निभा सके बहुत खूब

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