प्रदेश के नगरों को भी स्मार्ट बनाया जायेगा – श्री एंटोनी

इंदौर (पारस जैन) भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर के सभागार में आज प्रदेश में स्मार्ट सिटी विकसित करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मध्यप्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा इंग्लैण्ड के अधिकारियों ने भी भाग लिया। भारत सरकार की स्मार्ट सिटी अवधारणा के तहत यह कार्यशाला भावी रणनीति तैयार करने के लिये आयोजित की गयी, जिसका उद्देश्य आने वाले समय में मध्यप्रदेश के नगरों में कार्यशाला से प्राप्त सुझावों के आधार पर स्मार्ट सिटी के लिये कार्ययोजना तैयार की जायेगी। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये प्रदेश के मुख्य सचिव श्री एंटोनी डिसा ने कहा कि भारत सरकार की स्मार्ट सिटी अवधारणा के तहत प्रदेश के नगरों को भी स्मार्ट बनाया जायेगा। इसी अवधारणा के तहत आज भारतीय प्रबंधन संस्थान में मध्यप्रदेश शासन और इंग्लैण्ड के सहयोग से कार्यशाला का आयोजन किया गया। यहां पर प्राप्त निष्कर्षों को प्रदेश के शहरों को स्मार्ट बनाने के लिये भी चर्चा हुयी । स्मार्ट सिटी से तात्पर्य यह है कि जहां एक ओर परम्परागत पुराने शहरों के मूलभूत सुविधाओं से लैस करना है वहीं दूसरी ओर परम्परागत शहरों के पास स्मार्ट सिटी नाम से उप नगर विकसित किये जायेंगे।

स्मार्ट सिटी में भौतिक सुविधा

मुख्य सचिव श्री डिसा ने कहा कि स्मार्ट सिटी में पेयजल, विद्युत, कचरा प्रबंधन, सीवरेज, बहुप्रादर्शी यातायात, सायबर कनेक्शन, सड़क, रेलवे और एयरपोर्ट से संलग्नता, भवन निर्माण और आपदा प्रबंधन की सुविधायें आधुनिक रूप से होना चाहिये । उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी में सामाजिक अधोसंरचना के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य,मनोरंजन (पार्क,बगीचा, संगीत, संस्कृति, खेलकूद, पर्यटन स्थल), गरीब और सम्पन्न वर्ग के लिये आवास आदि सुविधाओं पर विचार होगा।

स्मार्ट सिटी के लिये तैयार हो रहा है मध्यप्रदेश

मुख्य सचिव श्री एंटोनी डिसा ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में 100 स्मार्ट सिटी बनाये जाने की घोषणा की गयी है। इसके परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश अपने आपको तैयार कर रहा है कि जब केन्द्र सरकार द्वारा उक्त कार्ययोजनाओं को लागू किया जायेगा तो मध्यप्रदेश स्मार्ट सिटी कांसेप्ट के साथ पूर्णत: तैयार होगा। साथ ही मध्यप्रदेश के परिप्रेक्ष्य में स्मार्ट सिटी का कॉन्सेप्ट क्या हो, इसके लिये हम ब्रिाटेन के सहयोग से मध्यप्रदेश में स्मार्ट सिटी बनाने के लिये पहले से ही अपनी कार्ययोजना तैयार रखेंगे। साथ ही कार्ययोजना का लागू करने में इस बात का भी ध्यान रखा जायेगा कि जनता को अधिक से अधिक स्मार्ट सिटी का फायदा मिले। राज्य शासन की स्मार्ट सिटी योजना में सुरक्षा कराधान, बैंकिंग, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व, कुशलता विकास, पर्यावरण सुधार, निर्णय में जनता की भागीदारी, नागरिकों को त्वरित सेवा और जगह-जगह नागरिक सहायता समिति का भी गठन पर भी विचार होगा, जिससे जनता की समस्याओं का अधिकाधिक समाधान किया जा सकेगा। इसी प्रकार आर्थिक अधोसंरचना के तहत स्मार्ट सिटी में रोजगार निर्माण, अजीविका गतिविधियां और बाजार विकास पर भी जोर दिया जायेगा।

मुख्य सचिव श्री डिसा ने इस अवसर पर यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में स्मार्ट सिटी का विकास ब्रिाटिश सरकार, सीमंस, सिस्को, डीएफआईडी आदि का सहयोग लिया जायेगा। मध्यप्रदेश में विकास दर अधिक होने के कारण प्रदेश में तीव्र गति से विकास करने की व्यापक संभावनायें हैं। मध्यप्रदेश सरकार का विकास एजेंडा ही स्मार्ट सिटी है। स्मार्ट सिटी में ऑटोमेटिक भवन स्वीकृति, जल प्रदाय, बिजली और ड्रेनेज सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके लिये पहले से ही कार्ययोजना तैयार करना जरूरी है। प्रदेश के शहरों को चंडीगढ, गुड़गांव, नोयडा और गांधी नगर आदि स्मार्ट सिटी के रूप में देश में अभी तक के विकसित शहर हैं, उनकी कार्ययोजनाओं पर भी विचार किया जायेगा। यह स्मार्ट सिटी पर्यावरण अनुकूल होने के साथ-साथ मूलभूत सुविधा से भी सम्पन्न होगी। हम विजन 2018 के तहत प्रदेश के शहरों में चयनित स्थानों पर स्मार्ट सिटी विकसित करेंगे तथा परम्परागत शहरों में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार करेंगे। स्मार्ट सिटी अवधारणा पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत भी विकास संभव है। स्मार्ट सिटी के तहत पुराने शहरों का कायाकल्प होगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भी स्मार्ट सिटी विकसित करने की अवधारणा को सैद्धांतिक स्वीकृति दी गयी थी।

इस अवसर पर डीएफआईडी के डायरेक्टर जनरल श्री डेविड केनेडी ने कहा कि शहरों के आर्थिक विकास के लिये स्मार्ट सिटी जरूरी है। बढ़ती हुयी आबादी के साथ-साथ भारत में शहरों की आबादी निश्चित रूप से बढ़ेगी। ऐसी स्थिति में स्मार्ट सिटी की प्रासंगिकता और अधिक बढ जाती है। स्मार्ट सिटी में पूंजी निवेश करने से व्यावसायिक गतिविधियां, रोजगार और आर्थिक विकास के अवसर भी बढ़ेंगे तथा लोक सेवा को सही दिशा मिलेगी। इस कार्यशाला का उद्देश्य यही है कि स्मार्ट सिटी में पर्यावरण संरक्षण, नागरिकों को मूलभूत सुविधायें तथा व्यावसायिक अवसर भी उपलब्ध कराये जायें। भारत की विकास दर अधिक होने के कारण इस देश में स्मार्ट सिटी विकसित करने के लिये इंवेस्टमेंट करना लाभदायक रहेगा।

इस अवसर पर म.प्र. शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री एस.एन.मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में नगरों के विकास औरउसके आसपास स्मार्ट सिटी डेवलप करने की सख्त जरूरत है। जनता को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये स्मार्ट सिटी विकसित करना जरूरी है। स्मार्ट सिटी में ई-नगर पालिका, ई-पेमेंट और संचार क्रांति का अभिनव प्रयोग किया जायेगा। डीएफआईडी के सहयोग से मध्यप्रदेश के शहरों में स्मार्ट सिटी विकास की अवधारण शीघ्र ही मूर्त रूप लेगी। मध्यप्रदेश के शहरों में स्मार्ट सिटी की जरूरत है।

इस अवसर पर शोध छात्र सुश्री एली कास्ग्रेव ने कहा कि स्मार्ट सिटी का विकास आज पूरी दुनिया की जरूरत है। मैंने 8 देशों पर रिसर्च करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची की वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्मार्ट सिटी को विकसित करने में निवेश करने से बहुत अधिक फायदा होगी। स्मार्ट सिटी को पर्यावरण मित्र और पेयजल, सीवरेज, संचार सुविधा,परिवहन और सुरक्षा से लैस करना है। कार्यक्रम को आयुक्त नगरीय विकास श्री संजय शुक्ला ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में ब्रिाटेन के मार्शल इलियट, डेविट कैनेडी, रिचर्ड स्लाटर, प्रमुख सचिव परिवहन श्री मलय श्रीवास्तव, कमिश्नर इंदौर संभाग श्री संजय दुबे कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, नगर निगमों के कमिश्नर आदि मौजूद थे।

Review Overview

User Rating: Be the first one !

: यह भी पढ़े :

“एक दौड़ १०० गॉंवों की ओर” कार्यक्रम की सिल्वर जुबली के उपलक्ष में दौड़ का कार्यक्रम

हमारे शहर इन्दौर में कई ऐसे लोग हैं जो अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हैं …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »