शिवपुरी (IDS-PRO) जिले में 13 दिसम्बर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के द्वारा विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 135, 138 के अंतर्गत लंबित प्रकरण एवं जो न्यायालय में दर्ज नहीं हो सके (प्री-लिटिग्रेशन के स्तर पर) प्रकरणों में त्वरित निराकरण तथा धारा 126 के अंतर्गत बनाए गए प्रकरण जिनमें उपभोक्ताओं द्वारा अपीलीय कमेटी के समक्ष आपत्ति / अपील प्रस्तुत नहीं की गई है, प्रस्तुत किए जा सकेंगे।
महाप्रबंधक (संचा./संधा.) म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. शिवपुरी ने बताया कि ऐसे समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 कि.वा. तक के गैरघरेलू एवं 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक प्रकरणों में कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर निर्धारण आदेश (धारा 126 के अंतर्गत) जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छिमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाली ब्याज की राशि पर 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी। इसी प्रकार न्यायालीय लंबित प्रकरणों में कंपनी द्वारा निर्धारित आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छिमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि में 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि आवेदक को निर्धारित छुट के उपरांत शेष देयक आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एक मुश्त भुगतान करना होगा। उपभोक्ता/उपयोगकर्ता को विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य संयोजन/ संयोजकों के विरूद्ध के विद्युत देयकों की बकाया राशि का नवम्बर 2014 तक का पूर्ण भुगतान भी करना होगा। आवेदक के नाम पर कोई विधिक संयोजन न होने की स्थिति में छूट का लाभ प्राप्त करने हेतु आवेदक द्वारा विधिक संयोजन प्राप्त करना एवं पूर्व में विच्छेदित संयोजनों के विरूद्ध बकाया राशि का पूर्ण भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा। नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी/ अनाधिकृत उपयोग पहली बार किए जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। विद्युत चोरी/ अनाधिकृत उपयोग के प्रकरणों में पूर्व की लोक अदालत या अदालतों में छूट प्राप्त किए उपभोक्ता/ उपयोगकर्ता छूट के पात्र नहीं होंगे। सामान्य विद्युत देयकों के विरूद्ध बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी।