लटेरी (विनोद सूर्यवंशी) शिक्षा विभाग मे यू तो लापरवाही के मामले आये दिन देखने और सुनने को मिल रहे है लेकिन हेरत करने वाली बात तो जब सामने आई जब बीआरसी से लेकर डीईओ सहाब भी मामलो मे लापरवाही करने लगे। लम्बे समय से दिखाई जा रही खबरो से शिक्षा विभाग की पोल खुलती देख अब अधिकारी भी बोखला से गये है।यह बात हकीकत है कि शिक्षा विभाग मे लटेरी जमीनी हकीकत कुछ अलग ही बंया करती है। भाजपा के शासनकाल मे शिक्षा इतनी गिर सकती है शायद किसी ने नही सोचा होगा। आज शिक्षा सिर्फ किताबो मे कैद हो गई है। नतीजा सिर्फ अधिकारी और कर्मचारीयो की मनमानी का नतीजा है। हमारी टीम द्रारा 25नम्बर को ग्राम सौजनी खेडा की शाला का अवलोकन कि गया था। जहां देखने मे आया कि दो लोगो का स्टाप होने के बाद भी एक शिक्षक अनुउपस्थित पाये गये थे। वहां पर मौजूद शिक्षक से जब पुछा गया कि शिक्षक अभय श्रीवास्तव जी कहा है।तो उन्होने बताया कि मुझे कह रहे थे कि मे मीटिंग मे जा रहा हु। जिनका ना तो कोई एप्लीकेशन है। जब हमने बीआरसी से मीटिंग के बारे मे पुछा तो उन्होने साफ मनाकर दिया। बही कार्रवाई कि बात कही थी वही मामले को लेकर डीईओ एच एस नेमा जी से भी बात कि गई थी जिन्होने कार्रवाई की बात कही थी लेकिन लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नही हुई है। वही शिक्षक द्रारा लगभग एक लाख रूपे की लागत से बनने वाला शौचालय चालू नही हो पाया है। कार्रवाई नही होने से अधिकारीयो कि कार्यशैली पर संदह होता है।
