इंदौर | महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने आज इन्दौर की जुगनू चलित आंगनवाड़ी केन्द्र का देवास बायपास पर हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर श्रीमती माया सिंह ने कहा कि जुगनू के इस नवाचार से मैं स्वयं बहुत प्रभावित हूु । इन्दौर की टीम को उन्होंने बधाई दी। उन्होंने कहा कि अस्थाई निवासियों, रोजगार की तलाश में शहरों में आये कमजोर तबके,मजदूर वर्ग के लिये इस तरह के प्रयासों की नितांत आवश्यकता है। यह प्रयोग कारगर साबित होगा। उन्होंने जुगनू चलित आंगनवाड़ी का अवलोकन किया । उन्होंने गर्भवती महिलाओं की जांच व्यवस्थाओं,पोषण आहार व्यवस्था तथा खेल खेल में शिक्षा, फिल्म प्रदर्शनी और प्रयासो की भूरी भूरी प्रशंसा की।
जुगनू प्रदेश की पहली चलित आंगनवाड़ी है जिसे इन्दौर के बेघर अस्थायी झोपड़े वाले तथा मजदूर परिवारों के बच्चो महिलाओं और किशोरियों के लिये संचालित किया गया है। इन्दौर शहर के विकास के साथ ही यहां रोजगार की तलाश में आये बेघर परिवारों की संख्या में दिनोदिन वृद्वि हो रही है। इन परिवारों के बच्चों और महिलाओं के पोषण स्वास्थ्य आदि की आव’यकताओं को देखते हुए संयुक्त संचालक आय सी डी एस इन्दौर द्वारा चलित आंगनवाड़ी केन्द्र का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया था जिसमे पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चलित आंगनवाड़ी हेतु वाहन की व्यवस्था जनसहयोग से की जा कर अन्य व्यय अटल बिहारी बाजपेयी पोषण एवं बाल आरोग्य मिशन से मिलाकर किया गया । शासन की स्वीकृति मिलने के पश्चात जुगनू चलित आंगनवाड़ी केन्द्र की परिकल्पना को अमली जामा पहनाया गया। जुगनू सप्ताह के 6 दिन में 12 अस्थायी बस्तियों में सेवाए देगा । जुगनू चलित आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से पूरक पोषण आहार,नियमित वजन एवं पोषण श्रेणी का चिन्हांकन,खानपान एवं नियमित सफाई की समझाईश किशोरी को व्यक्तिगत स्वच्छता स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा दी जाना,गर्भवतियों की नियमित जाॅच,संपूर्ण टीकाकरण,शालापूर्व शिक्षा हेतु खेल-खेल में शिक्षा ,शाला प्रवेश सेवाओं के अतिरिक्त चलित आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से बस्तियों में स्वास्थ्य एवं पोषण के संबंध में जागरूकता भी फैलाई जाएगी ।
शुभारम्भ के पश्चात जुगनू आगंनवाडी वाहन तेजाजी नगर स्थित जोशी, कालोनी, अनुराधा नगर स्थित डेरो में सेवाए देना पहुॅचा । इन बस्तियों में भीख मांगने वाले , माला बेचने वाले , नाक कान छेदने वाले , कुर्सिया बेचने वाले, तोते द्वारा भविष्य बताने वाले आदि प्रकार के लोग रहते है। इनके अधिकांश बच्चे माता – पिता के काम पर जाने के बाद कई बार भीख मांगने निकल जाते है।
मोबाईल वैन में संचालित चलित आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से शहर में चिंहाकित कार्यक्षैत्र में प्रति बस्ती सप्ताह में न्यूनतम 01 दिन भ्रमण करेगी एवं चिन्हित स्थान पर 03 घण्टे रुक कर सर्वे अनुसार पात्र हितग्राहियों टेकहोम राशन/पोषण आहार का वितरण, गर्भवती/धात्री माताओं को पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा, 0 से 5 वर्ष के बच्चों का इलेक्टिानिक वेइंग मशीन के द्वारा वजन एवं पोषण श्रेणीकरण, चिन्हित अतिकम वजन के बच्चों का डन्।ब् टेप से परीक्षण के पश्चात् चिन्हित गंभीर कुपोषित (पोड़) बच्चों को छत्ब् में उपचार सुनिश्चित करेंगी । साथ ही 3 से 6 वर्ष के बच्चों को शालापूर्व शिक्षा प्रदान करेगी । चलित आंगनवाड़ी वैन सप्ताह के 6 कार्यदिवसों में प्रातः 9 बजे से सायं 4 बजे तक परियोजना कार्यक्षैत्र में निर्धारित दिवसों में सतत् भ्रमण कर उपरोक्त आवश्यक विभागीय सेवाऐं प्रदान करेगी ।