इंदौर (अंकुर जायसवाल) शहर की सरल और आस्थावान संस्कृति पर इन दिनों पश्चिमी संस्कृति के बादल मंडरा रहे हैं। पैसा कमाने के लिए कुछ रिसोर्ट और होटल मालिक पूल पार्टियां आर्गेनाइज करवा रहे हैं। दलालों के जरिए इंदौर में खासतौर पर बाहर से आए हुए स्टूडेंट्स को टारगेट किया जाता है। उनसे पर पेयर तगड़ा पैसा लेकर खुलेपन का लालच दिया जाता है और इसके लिए प्रशासन से किसी सामान्य पार्टी की परमिशन ले ली जाती है, लेकिन इसके नाम पर पूल पार्टी आयोजित की जाती है और इस पूल पार्टी में शराबखोरी से लेकर सेप्रेट रूम कराने तक का काम किया जाता है। पुलिस प्रशासन और जवाबदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते शहर की संस्कृति के चलते ना सिर्फ तबाह हो रही है बल्कि छात्र-छात्राओं को गुमराह कर उन्हें भयावह भविष्य देने का काम भी किया जा रहा है। क्या पूल पार्टियों का आयोजन कर छात्रों की शराब और उन्मुक्त जीवन परोसना उचित है? क्या ये मालवा की संस्कृति पर आक्रमण नहीं है? आखिर क्यों चोरी छिपे पूल पार्टी आयोजित की जाती है और जवाबदार अधिकारियों को इसकी कानोकान खबर नहीं होती है या सबकुछ सांठगांठ से चल रहा है?
खुलेआम शराब की बोतल लेकर नशे में मस्त दिखीं लड़कियां

बायपास रोड स्थित आर नाइन क्लब में हुई पूल पार्टी में लडके-लड़कियों ने शर्म और मर्यादा की सारी हदें पार कर दीं। इस क्लब में यह लगातार पांचवीें पूल पार्टी थी। पार्टी में केवल टीनएजर्स को ही प्रवेश दिया दिया गया था। दोपहर 12 बजे से शुरू हुई ये पार्टी रात 8 बजे तक चलती रही। पार्टी में शामिल युवक-युवतियां स्विमिंग सूट पहनकर सरेआम बीयर और शराब की बोतलें हाथ में लेकर झूमते रहे। कुछ लड़कियों ने तो इतनी शराब पी ली थी कि वे नशे में बेसुध हो गई थीं और इधर-उधर गिरती पड़ती रहीं। इस दौरान एक लड़की को लेकर कुछ युवाओं में विवाद भी हुआ, लेकिन आयोजकों ने उन्हें समझा-बुझाकर बाहर कर दिया।
बायपास रोड पर आर नाइन नामक क्लब में हुई इस पुल पार्टी का आयोजन इंदौर की एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ने किया था। इसके लिए इन्होंने बाकायदा एक फेसबुक पेज बनाया था। पार्टी के लिए कपल्स टिकट 1200 रुपए और सिंगल्स टिकट 750 रुपए रखा गया था।