इंदौर | मध्यप्रदेश में नये शिक्षा सत्र के लिये कक्षा 1 से 8 तक के समस्त शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के बालक-बालिकाओं को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक उपलब्ध करवाने के लिये जिलों और विकासखण्डों को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्य शासन ने इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक वितरण योजना का क्रियान्वयन समय-सीमा में करवाये जाने के निर्देश दिये हैं।
पाठ्य-पुस्तक निगम द्वारा भेजी जा रही तथा प्रत्येक स्तर पर प्राप्त सामग्री का विवरण, वितरण एवं शेष बची पुस्तकों का लेखा-जोखा रखने तथा वितरण के बाद बची हुई पुस्तकों की समीक्षा और भौतिक सत्यापन करवाने को कहा गया है। समस्त जिला कलेक्टर को पाठ्य-पुस्तक वितरण के कार्यक्रम को गतिविधि कैलेण्डर के रूप में तैयार कर भेजा गया है। कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिये विभिन्न विभाग के जिला, ब्लॉक स्तर के नीचे के अधिकारी-कर्मचारी से मॉनीटरिंग करवाने को कहा गया है। जिला कलेक्टर प्रति सप्ताह वितरण की समीक्षा कर उसकी प्रगति से राज्य शिक्षा केन्द्र को अवगत करवायेंगे। पाठ्य-पुस्तकों का वितरण मदरसा एवं संस्कृत बोर्ड से पंजीकृत मदरसों और संस्कृत शालाओं के ऐसे विद्यार्थियों को भी होगा, जो शासकीय शाला में दर्ज नहीं हैं।
पाठ्य-पुस्तक निगम पुस्तकों के मुद्रण के बाद विकासखण्डों को 30 अप्रैल तक प्रदाय करेगा। गत वर्ष 2014-15 की कक्षा आठवीं तक की शेष रह गई पुस्तकों के आवरण पृष्ठ पर “शिक्षा सत्र 2015-16 के लिये अधिकृत” की सील लगाकर जन शिक्षा केन्द्रों में वितरण के लिये भेजी जायेगी। विकासखण्ड स्तर पर पुस्तकों का भण्डारण कक्षा एवं विषयवार कर समुचित रिकार्ड भी रखा जायेगा। ब्लॉक स्तर पर पुस्तकें प्राप्त होते ही एजुकेशन पोर्टल पर उनकी एन्ट्री की जायेगी। पोर्टल पर पुस्तकों के वितरण की जानकारी प्रविष्टि करवाने की जिम्मेदारी डीपीसी, जिला प्रोग्रामर और बीआरसी की होगी।
ब्लॉक स्तर से जन-शिक्षा केन्द्रों तक नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें पहुँचाने परिवहन व्यवस्था की जायेगी। इसके लिये निविदा का प्रकाशन 16 अप्रैल तक होगा। जन-शिक्षा केन्द्र पर 25 अप्रैल को उसके क्षेत्र में आने वाली शालाओं की बैठक होगी, जिसमें प्रभारी शिक्षक या प्रधानाध्यापक आदि उपस्थित रहेंगे। बैठक में उपस्थित शिक्षक या प्रधानाध्यापक को पुस्तकें उपलब्ध करवायी जायेंगी तथा विद्यालय में उनका भण्डारण किया जायेगा। विद्यार्थियों को वितरित की जाने वाली पुस्तकों का नम्बर उनके नाम के समक्ष अंकित किया जायेगा। निगम द्वारा मुद्रित की गई पुस्तकों में से 90 प्रतिशत सीधे शालाओं में भेजी जायेंगी तथा 10 प्रतिशत पुस्तकें ब्लॉक स्तर पर रखी जायेंगी। शासन ने सभी कलेक्टर को निर्धारित तिथि में पुस्तकों के वितरण के निर्देश दिये हैं। उस तिथि को शाला प्रबंध समिति द्वारा बैठक और प्रवेशोत्सव आयोजित कर सांसद या विधायक या जिला एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष या समिति के सदस्य आदि को आमंत्रित कर उनके माध्यम से पुस्तकें वितरित करवाने को कहा गया है।