ये जो फोटो आप देख रहे हैं किसी शादी-सम्मेलन में सजावट का नहीं है। ये सौ साल पूरे कर चुके सराफा बाजार का है। दो-तीन महीने पहले तक समोसा कार्नर से सराफा चौक (भेरू बाबा मंदिर) तक दो पहिया वाहन से जाने पर भी दस बार सोचना पड़ता था क्योंकि वाहनों की रेलमपेल ऐसी रहती थी कि गाड़ी लगभग रेंगते ...
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चंदेरी का ऐतिहासिक जागेश्वरी मंदिर
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते !! चंदेरी एक इतिहासों की नगरी है जो की मध्य प्रदेश के अशोक नगर जिले में स्थित है । पूरा चंदेरी शहर तालाब, घने जंगल और खूबसूरत पहाड़ियों से घिरा हुआ है और इसके अलावा आपको बुंदेला और मालवा राजपूतों के ऐतिहासिक स्मारक और अनगिनत इतिहास जानने को भी मिलेंगे ...
Read More »भारत के पांच प्रसिद्ध एवं अनोखे दशहरे!
दशहरा जिसे विजयदशमी या आयुध पूजा भी कहा जाता है भारत का प्रमुख त्योहार है जिसे भारत के हर कोने में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है । इसी दिन भगवान् राम ने रावण का वध कर के विजय प्राप्त की थी तथा देवी दुर्गा माँ ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के बाद महिषासुर पर विजय ...
Read More »चिराग तले अंधेरा… आष्टांग आयुर्वेद चिकित्सालय
पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में हेल्थकेयर सिस्टम में सुधार के लिए 2022 अस्पतालों की तस्वीर बदलना चाहते हैं। लेकिन इंदौर का आष्टांग आयुर्वेदिक चिकित्सालय चिराग तले अंधेरा की कहावत को चरितार्थ कर रहा है। मरीज बिना बिजली के अंधेरे में पंचकर्म करवा रहे हैं। डॉक्टर इमरजेंसी लाइट में जांच करने के आदि हो गए हैं। आयुर्वेद पद्धतियों से जनता ...
Read More »चिता का ये धुआं
मैं नहीं जानता प्राण देह से अर्जित ज्ञान और अनुभव का कितना हिस्सा जाते वक्त पार्थिव में छोडक़र जाता है। अगर वह सारे कोष खाली कर देह को अपशिष्ट की तरह छोड़ जाता हो तब भी प्राण के संसर्ग से अर्जित मेधा का कुछ अंश तो रह ही जाता होगा। मैं चाहता हूं कि वह देह जब अग्नि को समर्पित ...
Read More »लौट कर आयूंगा कूच से क्यों डरूं
अटल थे तो कहाँ जायेंगे यहीं तो है आप उन्हें जहाँ पाएंगे अटल जी जैसी शक्शियतें कभी मरा नहीं करती ये बात और है की मौत से उनकी ठनी थी एवो प्रकर्ति का नियम है उसे हर हाल में सूरते अंजाम होना ही था हुआ भी वही जो होना था रार नहीं ठानने और हार नहीं मानने के लिए जाने ...
Read More »ओझल हुआ राजनीति का ध्रुवतार
अटलजी की सभा के लिए कभी भीड़ नहीं जुटाना पड़ी जैसे नरेंद्र मोदी या राहुल गांधी की सभा के लिए महीनों पहले से भीड़ जुटाने की रणनीति पर काम करना पड़ता है ऐसे दिन कभी अटलजी की सभा के लिए नहीं देखना पड़े। अटल जी की सभा यानी सिंहस्थ के स्नान की तारीख जहां बिना निमंत्रण के ही लोग अपने ...
Read More »जब हम यमदूत का इंतजार करते हैं
जीवन जितनी सहजता से जीया जा सकता है, उतनी ही असहज मृत्यु हो सकती है। खासकर तब जब वह देहरी पर आकर खड़ी हो जाए। न भीतर आए न बाहर जाए। वह द्वार पर खड़ी है, उस भिक्षुक की तरह जो न कटोरा आगे करता है और न पैर आगे बढ़ाता है। गृह स्वामी संकोच में है कि अब इसका ...
Read More »बाढ़ के क़हर को रोकने की दरकार
बरसात का मौसम शुरू ही देश के कई राज्य बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। बाढ़ से जान व माल का भारी नुक़सान होता है। लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित होते हैं। कितने ही लोग बाढ़ की वजह से मौत की आग़ोश में समा जाते हैं। सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, हज़ारों लोगों को बेघर होकर शरणार्थी जीवन ...
Read More »हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल : नातिया कलाम के हिन्दू शायर “तिलकराज पारस”
हिन्दू धर्म में जिस तरह जगराता और भजन संध्या को जनमानस अध्यात्म और भक्ति से जुड़ा मन को शांति व संकल्प को संतोष देने वाला गीत संगीत से जुड़ा कार्यक्रम होता है वैसे ही मुस्लिम समुदाय में नात शायरी की हैसियत है । रमजान के मौके पर इसके आयोजन बहुतायत में होते हैं । उर्दू और फ़ारसी में इसे नात ...
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