धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला पर्व है। धन तेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धन तेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसी वजह से धन तेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर्व से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है। इस बार धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
धनतेरस पूजा मुहूर्त समय :-
29 अक्टूबर 2024, मंगलवार
प्रदोष काल :-
17:37 से 20:12 तक
वृषभ काल :–
18:33 से 20:29 तक
धनतेरस पूजा का शुभ समय :-
18:33 से 20:12 तक
अवधि :-
( 01 घंटे 39 मिनट )
धनतेरस की पूजा विधि और धार्मिक कर्म :-
मानव जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ है, इसलिए आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के अवतरण दिवस यानि धन तेरस पर स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए।
धनतेरस पर धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा का विधान है। षोडशोपचार यानि विधिवत 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना। इनमें आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन (सुगंधित पेय जल), स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध (केसर-चंदन), पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन (शुद्ध जल), दक्षिणायुक्त तांबूल, आरती, परिक्रमा आदि है।
इस दिन संध्या के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीये जलाने चाहिए। क्योंकि धनतेरस से ही दीपावली के त्यौहार की शुरुआत होती है।
धनतेरस के दिन शाम के समय यम देव के निमित्त दीपदान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मृत्यु के देवता यमराज के भय से मुक्ति मिलती है।
धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए..?
धनतेरस के दिन नई चीज़ें जैसे सोना, चाँदी, पीतल, तांबा इत्यादि के बर्तन व सोने चांदी के सिक्के- आभूषण इत्यादि भी खरीदने की प्राचीन परंपरा है। इसके अलावा इस दिन धनिया खरीदना और झाड़ू इत्यादि खरीदना भी बेहद शुभ होता है।
धनतेरस के दिन झाड़ू क्यों खरीदा जाता है.?
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने के पीछे जुड़ी मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि, इससे घर में माँ लक्ष्मी का आगमन होता है, घर से नकारात्मकता दूर होती है, और माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। धनतेरस के दिन फूल वाली झाड़ू यानि जिससे घर में झाड़ू लगाया जाता है उसे खरीदें।
धनतेरस खरीदारी का समय-:
धनतेरस का पूरा दिन खरीदारी के लिए उत्तम माना गया हैं।
इस दिन आप राहुकाल के समय का त्याग कर सकते हैं मंगलवार के दिन राहुकाल दोपहर लगभग 14:50 से 16:30 तक रहता है, अतः राहुकाल के समय को छोड़कर आप संपूर्ण दिन खरीदारी इत्यादि के कार्य कर सकते हैं।