बहुत समय पहले की बात है एक राजा एक घने जंगल में शिकार कर रहा था तभी अचानक तेजी से बारिश होने लगी और हवा भी बहुत तेज से चलने लगी। जब कुछ देर बाद बारिश बंद हो गयी तो राजा ने देखा कि कोई भी सैनिक उसके साथ नहीं है और वह उनसे बिछड़ गया था।
घने जंगल में पैदल चलने के कारण राजा को बहुत तेज भूख और प्यास लगी थी। वह बहुत ही विचलित हो गया था तभी उस राजा को वँहा तीन लड़के आते दिखाई दिए राजा ने उनको बुलाया और बोला– मुझको बहुत तेज भूख और प्यास लगी है, क्या यहाँ मुझको भोजन और पानी मिलेगा।
लड़कों ने कहा– क्यों नहीं अवश्य मिलेगा वे भागकर अपने घर गए और राजा के लिए पानी और भोजन लेकर आ गए।
भोजन करने के बाद राजा ने उनको बताया कि वह एक राजा है और तुम लोगों से बहुत प्रशन्न है तुमको जो माँगना है माँग लो।
पहले लड़के ने बोला– महाराज मुझको ढेर सारा धन चाहिए ताकि में सही से रह सकूँ।
राजा ने बोला में तुम को धन दे दूंगा।
फिर दूसरे लड़के ने बोला–मुझको तो घोडा और बड़ा मकान चाहिए।
राजा ने बोला– तुमको भी मिल जायेगा।
फिर तीसरे लड़के ने बोला– महाराज मुझको तो ज्ञान चाहिए और कुछ नहीं। राजा ने उस लड़के के लिए एक टीचर कर दिया और वह लड़का पढ़ लिखकर राजा के यहाँ ही मंत्री बन गया।
कुछ वर्षों बाद राजा को अपनी पुरानी जंगल वाली बात याद आयी तो राजा ने उन दो लड़को से भी मिलना चाहा। रात को राजा ने तीनो को भोजन पर बुलाया और सबसे पूछा कैसे हो तो पहले वाले ने बोला– मैं तो कंगाल हो गया हूँ, सारा धन समाप्त हो गया है। फिर राजा ने दूसरे वाले लड़के से पूछा– उसने भी बोला मेरा तो घोड़ा चोरी हो गया और मकान भी बिक गया।
फिर राजा ने अपने मंत्री यानी तीसरे लड़के से पूछा– वह बोला महाराज मैंने तो आप से ज्ञान माँगा था मेरा तो ज्ञान दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। अपने दोस्त की यह बात सुनकर उन दो लड़को को बहुत ही दुःख (खेद) हुआ।
इस कहानी से हम लोगो को यही सीख मिलती है की ज्ञान से बड़ा कोई धन नहीं है, जो की बाटने पर और भी बढ़ता है।