निगम मुख्यालय में भ्रष्टाचार का गढ़ बना ‘जन्म मृत्यु विभाग’

इंदौर नगर निगम मुख्यालय के कुछ विभाग में भ्रष्टाचारियों ने तांडव मचा रखा हैं। ये बगैर पैसों के कोई भी काम नहीं करता है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता हैं। यहां तक ये खुलकर बोलते है कि जहां मर्जी हो हमारी शिकायतें कर देना हमारा कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता हैं। यहीं कारण है कि आम जनता के बुरे हाल हैं। ताजा मामला नगर निगम मुख्यालय स्थित जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग का सामने आया हैं। यहां एक शख्स पिछले पांच साल से अपनी मां के मृत्यु प्रमाण के लिए भटक रहा हैं। ये जनसुनवाई में पहुंचे ओर कमिश्नर शिवम वर्मा के सामने खुलकर पीड़ा बताई।

निगम मुख्यालय स्थित जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में सालों से जमे अंगद कर रहे हैं जमकर भ्रष्टाचार
खास बात यह है कि इस विभाग में जमकर अति मची हुई है। बात जन्म प्रमाण पत्र की करें या फिर मृत्यु की। यहां तक मैरिज सर्टिफिकेट को लेकर भी अंधेरगर्दी मची हुई है, जब तक जिम्मेदारों को खुश नहीं किया जाता है, तब तक चक्कर खिलाने का दौर जारी रहता है और जो खुश कर देता है उसका फटाफटा फोटो सेशन होकर मैरिज सर्टिफिकेट मिल जाता हैं। ऐसे में अब कमिश्नर शिवम वर्मा को जन्म मृत्यु विभाग की सर्जरी करना होगी। क्योंकि यहां कई लोग अंगद की तरह डटे हुए है और मनमर्जी से लूट मचा रखी है। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा हैं।

पांच साल तक संघर्ष के बाद भी नहीं बन रहा मां का मृत्यु प्रमाण
इंदौर नगर निगम के जन्म मृत्यु विभाग का बड़ा कारनामा सामने आया हैं। 5 साल से एक पीड़ित अपनी माँ के मृत्यु प्रणाम पत्र के लिए भटक रहा है। विभाग के जादूगरों को पैसा नही मिल रहे है, इसलिए पीड़ित को भटकाते रहे। ये अपनी मर्यादा भूल गए कि किसी की मां अब दुनिया में नहीं रही है, लेकिन उसके मृत्यु सर्टिफिकेट के लिए भी पांच साल से उसे टरकाया जा रहा था। ये भी सिर्फ इसलिए कि उनका शुभ-लाभ नहीं हो पाया था, इसलिए एक बेटे को उसकी मां का सर्टिफिकेट पाने में पांच साल लग गए, लेकिन नतीजा सिफर रहा। पीड़ित जितेंद्र कुशवाह ने बताया कि माँ श्यामा देवी के मृत्यु। प्रमाण पत्र के लिए 5 साल से भटक रहा हूं। 2019 में माता जी का स्वर्गवास हो गया था। इसके बाद से विभाग के चक्कर काट रहा हूं, लेकिन कोई सुनवाई नही हो रही हैं। दरअसल, विभाग में सालों से कुछ भ्रष्टाचारी विभाग में अंगद की तरह जमे हुए हैं जो बगैर पैसों के काम नहीं करते हैं। इसका खामियाजा। आम जनता को इस तरह से भुगतना पड़ता हैं। ऐसे ‘लालचियों’ पर कमिश्नर वर्मा को सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।

निगम जनसुनवाई में हुई शिकायतें तो कमिश्नर शिवम वर्मा ने संभाला मोर्चा
नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा के साथ ही एडिशनल कमिश्नर अभिलाष मिश्रा, मनोज पाठक, अभय राजनगांवकर, लता अग्रवाल, डीआर लोधी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान सबसे ज्यादा शिकायतें अतिक्रमण को लेकर आई। इसके अलावा गंदे पानी की समस्या से भी लोगों ने कमिश्नर को अवगत कराया गया। प्नधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए परिसर में पानी, बिजली और अन्य समस्याएं से कमिश्नर को अवगत कराया गया। इस पर कमिश्नर ने समस्या के समाधान के निर्देश दिए।

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