कार्तिक स्नान

कार्तिक माह का स्नान प्रारंभ शरद पूर्णिमा से शुरू हो जाता है, और पूरे कार्तिक माह चलता है। जो आज 17 अक्टूबर 2024, गुरुवार से शुरू हो गया है और 15 नवंबर 2024 शुक्रवार (कार्तिक पूर्णिमा) को पूर्ण होगा।
कार्तिक माह भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस महीने में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। कार्तिक मास पुण्य मास है।

कथाओं के अनुसार, इस महीने में भगवान श्री हरि विष्णु इस महीने में मत्स्य रूप में जल में वास करते हैं जबकि उनका वामन अवतार पाताल में निवास करता है। इसलिए गंगा तट पर लोग कल्पवास भी करते हैं। कहते हैं जो कल्पवास करते हैं उन्हें पुनर्जन्म में नहीं फंसते हैं।

तो आइए जानते कार्तिक माह में किए जाने वाले सरल उपाय

कार्तिक मास में दीपदान करें :-
इस माह में भगवान श्री हरि विष्णु, माता लक्ष्मी, यमदेव, पीपल देव, तुलसी माता के समक्ष दीप जलाने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में सुख शांति बनी रहती है। इसके अलावा जो लोग नदी में दीप प्रवाहित करते हैं तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

दीपदान के लिए दीपक :-
यदि आप मिट्टी के दीपक का उपयोग करते हैं तो रोज नया मिट्टी का दीपक लेना चाहिए और धातु के दीपक जैसे पीतल-चांदी- तांबा का उपयोग करते हैं तो उसे आप रोज मांज कर शुद्ध करके पुनः उपयोग में ले सकते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में करें स्नान :-
स्नान ब्रह्म मुहूर्त में या फिर सूर्योदय के पहले स्नान करें, नदी और तालाब के पास रहते हैं तो वहां जाकर करें अगर वहां नहीं जा सकते हैं तो घर में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इस में स्नान करना दूध के सामान स्नान करने के बराबर है।

मंत्र व पाठ करना उत्तम फलदायी :-
कार्तिक महीने में लक्ष्मी स्त्रोत, कनकधारा स्रोत अथवा विष्णु स्त्रोत, विष्णु सहस्त्रनाम, गोपाल सहस्त्रनाम, श्रीराम चरित्र मानस, श्री गीता के पाठ करना, भगवान श्री हरि के मंत्र व नाम जप करना विशेष फलदायी माना गया है। ऐसा करने से देह त्याग के बाद उत्तम लोक में स्थान मिलता है और जब तक धरती पर रहते हैं समृद्धि और सुख प्राप्त होता है। कार्तिक नियमों का पालन करने वालें पुनर्जन्म लेते हैं, तो उन्हें उत्तम कुल परिवार में स्थान मिलता है और सुख में जीवन जीते हैं।

तुलसी में दूध मिलाकर दें जल :-
कार्तिक माह में सुबह शाम तुलसी की जड़ में जल में दूध मिलाकर देना चाहिए और उसके आसपास सफाई करनी चाहिए। सुबह शाम घी का दीपक जलाएं। भगवान विष्णु को जो भी भोग लगाएं उसमें तुलसी का पत्ता जरूर रखें। इसके बिना भगवान श्री विष्णु भोग स्वीकार नहीं करते हैं। साथ ही कार्तिक माह में देवप्रबोधनी एकादशी पर तुलसी विवाह करना भी बहुत उत्तम फलकारी रहता है।

भगवान विष्णु को तिल करें अर्पित :-
कार्तिक माह में नियमित रूप से भगवान विष्णु को तिल अर्पित करने चाहिए। यूं तो सालभर तिल अर्पित करते हैं अच्छा है लेकिन, अगर ऐसा नहीं कर पाता है तो कार्तिक माह और माघ माह में ऐसे करना उत्तम रहता है। ऐसा करने से जाने अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है और सद्गति प्राप्त होती है।

तुलसी की मिट्टी से करें ये उपाय :-
कार्तिक माह में नियमित रूप से जब भी तुलसी में जल देते हैं या उसकी पूजा करते हैं तो तुलसी की मिट्टी लेकर उसका तिलक करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और विवेक और बुद्धि का विकास होता है।

कार्तिक माह में दान करें :-
कार्तिक माह में दीप दान का अधिक महत्व है।उसके अलावा अन्न और वस्त्र का दान करना अति उत्तम माना जाता है।

गाय की करें सेवा :-
कार्तिक महीने में प्रतिदिन गाय को गुड़ के साथ रोटी खिलाना श्रेष्ठ पुण्य दायक माना है।

शुद्ध घी का ही उपयोग करें :-
कार्तिक माह में दीपदान के लिए भारतीय देसी गाय के घी का उपयोग करना ज्यादा अच्छा रहेगा या फिर आप तिल के तेल का दीपक भी जला सकते हैं।

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