गुड़ केवल भोजन की मिठास बढ़ाने में काम नहीं आता बल्कि इससे चमत्कारी लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि गुड़ से जुड़ी कई प्राचीन परंपराएं और उपाय । इसकी तासीर काफी गर्म होती है इसी वजह से गर्भवती स्त्री को गुड़ से परहेज करना चाहिए।
– घर से निकलने से पहले गुड़ खाना। अक्सर घर के वृद्धजन किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने से पहले गुड़ खाने की सलाह देते हैं। इसके पीछे कई चमत्कारी लाभ छिपे हुए हैं।
इसे अच्छा शकुन भी माना जाता है। इससे हमारी वाणी भी गुड़ की तरह ही मीठी हो जाती है।
घर से निकलते वक्त गुड़ खाने से हमारी सोच सकारात्मक होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है, क्योंकि गुड़ की मिठास से मन शांत होता है। शांत मन से हम किसी भी कार्य को ठीक से कर पाते हैं और सफलता प्राप्त होती है।
– वैज्ञानिक मान्यता है कि मीठा खाने से रक्त संचार बढ़ जाता है। एनर्जी मिलती है। इसलिए घर से निकलने से पहले से थोड़ा गुड़ जरूर खाना चाहिए। जिससे दिनभर के कार्यों के लिए एनर्जी बनी रहे। कार्य स्थल पर तनाव महसूस न हो।
– ज्योतिष के अनुसार जन्मकुंडली में सूर्य ग्रह अधिक मजबूत स्थिति में न होने पर या अशुभ स्थिति में होने पर नकारात्मक विचार अधिक आते हैं। माना जाता है कि गुड़ खाने से सूर्य ग्रह के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं। गुड़ का दान करने से भी सूर्य के दोष दूर होते हैं और मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है।
– हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इन्हीं उपायों में से एक उपाय है बंदरों को गुड़-चना खिलाना। हर शनिवार को यदि भक्त बंदरों को गुड़-चना खिलाता है तो उसके ज्योतिषीय दोष दूर हो जाते हैं। रुके हुए कार्य पूर्ण होने लगते हैं और भाग्य साथ देने लगता है। बंदरों को गुड़-चना खिलाने से हनुमानजी प्रसन्न होते हैं क्योंकि स्वयं बजरंग बली को वानर रूप में ही पूजा जाता है।
– गुड़ खाने के कई आयुर्वेदिक लाभ भी प्राप्त होते हैं। गुड़ को औषधि भी माना गया है। ठंड के दिनों में गुड़ और तिल के लड्डू हमारे शरीर को विशेष लाभ पहुंचाते हैं। कफ, सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों में भी गुड़ लाभदायक रहता है।
– गुड़ को शकर से अधिक पौष्टिक माना जाता है क्योंकि इसे बनाने में किसी भी प्रकार की रासायनिक क्रिया का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। गुड़ खाने से गले एवं फेफड़ों से संबंधित कई रोगों में लाभ पहुंचता है।