दाल -ढोकली वैसे तो गुजरात की प्रसिद् डिश है लेकिन ये मध्यप्रदेश के मालवा, राजस्थान के मेवाड़ और महाराष्ट्र में भी बनायीं जाती है। स्वादिष्ट होने के साथ -साथ ये न्यूट्रीशियस भी है। इसमें अरहर ( तुअर ) की दाल , गेंहू का आटा और बेसन होता है जिस से ये हाई प्रोटीन और लो कार्ब की कम्पलीट डाइट होती है। स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें ऊपर से घी या बटर भी डाला जाता है इसलिए ये फैट और दूसरे माइक्रो – न्यूट्रियंट्स में भी रिच होती है। जो बच्चे सब्ज़ी दाल और रोटी खाने में ‘ना-नुकुर’ करते है उनको दाल -ढोकली अपीलिंग भी लगती है और उनका नूट्रीशन भी पूरा कर देती है।
सामग्री ( 2 व्यक्तियों की सर्विंग के अनुसार )अरहर की दाल – 3 कप
गेंहू का आटा – 4 कप
बेसन – 1/2 कप
खाने का तेल – 3 बड़े चम्मच
लाल मिर्च – 1 tsp
चिली फ़्लेक्स/ अक्खी लाल मिर्च टुकड़ो में तोड़ कर
हल्दी पाउडर – 1 /4 tsp
जीरा – 1 tsp
राई – 1 /2 tsp
हींग – 3 चुटकी
नमक – स्वादानुसार
इमली का पेस्ट – 2 बड़े चम्मच या 4 -5 कोकम
लहसुन – 8 -10 बड्स ( कलियाँ )
छोंक के लिए करी पत्ते
गार्निशिंग के लिए हरा धनिया
ऊपर से डालकर खाने के लिए बारीक कटा प्याज़
ऊपर से मिलाने के लिए घी/बटर ( जैसी पसंद हो )
बनाने का तरीका
अरहर कि दाल को साफ पानी में धोकर , हल्दी नमक और हींग डालकर कूकर में पका लें।ढोकली बनाने के लिए एक थाली में आटा , बेसन, जीरा, लाल मिर्च , नमक , हल्दी को मिला ले और उसमे मोयन के लिए तेल डालकर कर उसको थोडा सा कसा हुआ ( कट्ठा ) गूँथ लें।
इसके बाद , गुंथे हुए मिश्रण को बेलन से रोटी की शक्ल में बेलकर 3 मध्यम आकार की रोटिया बनाए और चाकू से ढ़ोकलियों को शक्करपारे या तिकोने आकार में काट लें।
कढ़ाई में तेल डालकर गर्म होने पर उसमे करी पत्ते , राइ , जीरा और लहसुन का तड़का लगाये। पकी दाल में 200 ml गरम पानी मिलकर उससे अच्छे से फेट ले और तड़के में मिला दें। फिर उसमे सारी धोकलियां, चिली फलेक्स और खटाई के लिए इमली का पेस्ट या कोकम मिलाए।
माध्यम आंच पर तकरीबन 10 मिनट के लिए पकाएँ। आपकी दाल -ढोकली तैयार है। हरे धनिये से गार्निश करें और बारीक कटे प्याज़ और बटर डालकर गरमा गरम सर्व करें।