भारत में हिन्दू पारिवारिक आराध्य व्यवस्था में कुल देवता / कुलदेवी का स्थान सदैव से रहा है । प्रत्येक हिन्दू परिवार किसी न किसी ऋषि के वंशज हैं जिनसे उनके गोत्र का पता चलता है ,बाद में कर्मानुसार इनका विभाजन वर्णों में हो गया विभिन्न कर्म करने के लिए ,जो बाद में उनकी विशिष्टता बन गया और जाति कहा जाने ...
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