“अरे सुन, बेटा ये लाइट यहाँ लगा और ये फूलों की झालर ऊपर लेजाकर लगा दे और सुमनिया तू तो सजधज कर अभी तक यहीं खड़ी है अरे जल्दी जाकर देख हरीश भैया तैयार हुआ की नहीं ? पांडे जी की खुशी उनके हर काम से मानो छलक –छलक कर बाहर आ रही थी। खुशी की तो बात थी ही ...
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शादी ,शादी और सिर्फ शादी
हमारे देश में शादी जीवन का सबसे अहम और दिलचस्प पड़ाव होता है। बच्चे के जन्म से ही उसकी शादी की प्लानिंग शुरू हो जाती है। अनुभवी बुजुर्ग बच्चों की हरकते और सूरत देखकर ही बता देते है कि,ये शादी के बाद ऐसा ऐसा करेगा/करेगी । लड़की सुंदर हुई तो कहेंगे छोरी तो भोत सुंदर है इसे अच्छा घर वर ...
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