कभी वो आलम था कि बिस्तर पर सिलवटें खत्म नहीं होती थीं। सुबह होंठों पर प्यार की निशानी रहती। हर रात पहली रात जैसी लगती। मगर अब एक कोने में आप लेटी होती हैं तो दूसरे कोने में वह। बेशक प्यार में कोई कमी नहीं आई, लेकिन शायद वो जुनून नहीं रह गया। वही तरंग, वही उमंग और चाहत महसूस …
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