चन्द्र ग्रहण का प्रभाव और महत्त्व

खग्रास चंद्रग्रहण — [ भारत में ग्रस्तोदय खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण द्रश्य ]

इस वर्ष हनुमान जयंती पर पूर्ण चन्द्रग्रहण का संयोग 4 अप्रेल 2015 को बन रहा हैं। अगले माह 4 अप्रेल 2015 को इस ग्रहण का स्पर्श भारत में कही भी द्रश्य नहीं होगा। यह ग्रहण भारत के साथ साथ चीन, ऑस्ट्रेलिया, उतरी व दक्षिणी अमेरिका के पूर्वी भाग स्थित नगरो में भी दिखाई देगा। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा शनिवार दिनांक 4 अप्रैल 2015 ई को दोपहर बाद से सायकाल तक होने वाला खग्रास चन्द्र ग्रहण सम्पूर्ण भारत में ग्रस्तोदय खण्डग्रास के रूप में दिखाई देगा।

इस वर्ष 2015 में शनिवार के साथ अजब संयोग जुड़ा हुआ है। अप्रैल, जून, अगस्त, अक्टूबर और दिसंबर में जिस तारीख को शनिवार पड़ रहा है, उस तारीख और माह के अंक एक ही है। जैसे 4 अप्रैल 2015 (शनिवार) को चन्द्र प्रधान हस्त नक्षत्र की युति बन रही है, जो कि हर तरह के रोगों का क्षरण करने वाली युति बन रही है। इस दिन का मूलाक भी आठ है, जो कि शनि प्रधान है।

हनुमान जन्मोत्सव पर इस बार चन्द्रग्रहण की छाया है। अगले माह 4 अप्रेल 2015 को पड़ने वाली हनुमान जयंती पर अल्प खण्डग्रास चंद्र ग्रहण होगा। इस दिन हनुमत आराधना का विशेष महत्व होगा। इससे पहले 15 अप्रेल 1995 को ग्रस्तोदय चन्द्रग्रहण और 2 अप्रेल 1996 को खण्डग्रास चंद्रग्रहण हनुमान जयंती पर आए थे।इस दिन जातक को शनि की ढैय्या व साढ़े साती से बचने के लिए हनुमान जी उपासना करें। मंगल दोष निवारण के लिए भी हनुमत उपासना श्रेष्ठ सिद्ध होगी।

इस ग्रहण के प्रारम्भ व समाप्ति काल भारतीय स्टैंडर्ड टाइम इस प्रकार है –
ग्रहण प्रारम्भ – दोपहर बाद – 03. 45 बजे
ग्रहण समाप्त – सांय – 07 .15 बजे
ग्रहण का सूतक — इस ग्रहण का सूतक दिनांक 4 अप्रेल 2015 को सूर्योदय से

Review Overview

User Rating: Be the first one !

: यह भी पढ़े :

दो कृष्ण अष्टमी तिथियां क्यों हैं…?

कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाने के लिए सबसे शुभ और महत्वपूर्ण …

One comment

  1. कैसा होगा आपका जीवन साथी? घर कब तक बनेगा? नौकरी कब लगेगी? संतान प्राप्ति कब तक?, प्रेम विवाह होगा या नहीं? वास्तु परिक्षण, वास्तु एवं ज्योतिषीय सामग्री जैसे रत्न, यन्त्र के साथ साथ हस्तरेखा परामर्श सेवाएं भी उपलब्ध हें.

    —अंगारेश्वर महादेव (उज्जैन-मध्यप्रदेश) पर मंगलदोष निवारण के लिए गुलाल एवं भात पूजन,

    —सिद्धवट (उज्जैन) पर पितृ दोष निवारण, कालसर्प दोष निवारण पूजन,नागबलि-नारायण बलि एवं त्रिपिंडी श्राद्ध के लिए संपर्क करें—

    —ज्योतिष समबन्धी समस्या, वार्ता, समाधान या परामर्श के लिये मिले अथवा संपर्क करें :-
    —उज्जैन (मध्यप्रदेश) में ज्योतिष, वास्तु एवं हस्तरेखा परामर्श के लिए मुझसे मिलने / संपर्क करने का स्थान–

    पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(मोब.–09669290067 )
    LIG-II , मकान नंबर–217,
    इंद्रा नगर, आगर रोड,
    उज्जैन (मध्यप्रदेश)
    पिन कोड–456001

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »