युवा मामले और खेल मंत्रालय ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, ध्यानचंद पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार योजनाओं में संशोधन किया है।
संशोधित योजनाओं में निम्नलिखित प्रमुख संशोधन किए गए हैं:
- उच्चतम न्यायालय/उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश अर्जुन पुरस्कार की चयन समिति के प्रमुख होंगे।
- पैरा-खेलों के प्रतिष्ठित खिलाड़ी/खेल प्रशासन/खेल विशेषज्ञ अर्जुन पुरस्कारों की चयन समिति के सदस्य होंगे।
- किसी भी खेल के प्रति पक्षपात से बचने के लिए चयन समिति में एक से ज्यादा प्रतिष्ठित खिलाड़ी/कोच चयन समिति के सदस्य नहीं होने चाहिए।
- नामंकन एजेंसियां सबसे ज्यादा पात्र खिलाड़ियों/कोचों के नामांकन भेज सकती हैं चाहे खिलाड़ी/कोच ने पुरस्कार के लिए आवेदन क्यों न कर रखा हो।
पिछले वर्ष श्री कपिल देव के नेतृत्व में अर्जुन पुरस्कार की चयन समिति ने इन पुरस्कारों की योजना में सुधार के लिए अनेक सुझाव दिए थे। सरकार ने इनमें से अधिकतर सुझावों को स्वीकार कर लिया।
अंक मानदंड के मामले में, प्रत्येक खेल में जीते गए पदक के लिए कुछ और अंक दिये जाएंगे। टीम के लिए अंक देते वक्त टीम की शक्ति को ध्यान में रखा जाएगा।
राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार और द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए खेलों में प्रदर्शन के वेटेज को 90 प्रतिशत से घटाकर 80 प्रतिशत कर दिया है। खेलों की रुपरेखा और उनके स्टेंडर्ड जैसे कारकों के लिए चयन समिति द्वारा दिए जाने वाले अंकों का वेटेज 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे चयन की प्रक्रिया में चयन समिति की राय कायम की जाएगी।
निम्नलिखित फैसले भी किए गए हैं-
- चयन समिति की कार्यप्रणाली की वीडियोग्राफी की जाएगी।
- एनएसएफ से प्राप्त नामांकनों से निपटने के लिए विस्तृत आंतरिक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई है।
- टीम खेलों में नामों की संक्षिप्त सूची बनाने के लिए विशेषज्ञों की राय ली जाएगी।