आगामी फिल्म (वेबसीरीज) फ्लेश को लेकर राखी मंशा से साक्षात्कार

लहरों से डरकर कभी नोका पार नही होती
कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती

सोहनलाल द्विवेदी

साथियो आज चर्चा मेरी एक फिल्मी दोस्त राखी मंशा पर
मेरी लाखो दोस्तो में राखी का जूनून उसकी लगन काबिले एहतराम रही है
राखी की अगली वेबसीरिज फ्लेश इसी महिने 21 अगस्त को प्रदर्शित हो रही है।
राखी दिखने में बेहद सामान्य और भारतीयता समाए हुवे है, राखी ने अपने अभिनय क्षमताओं से यह सूक्ति को सिद्ध किया कि “आप कैसे दिखते है यह मायने नही रखता आप अभिनय मे कितने पारंगत है” यह ज़रूर मायने रखता है।

और जब आज मैं राखी का टेलीफोनिक साक्षात्कार लिख रहा हु तो मेरे सामने वही दिल्ली वाली जुनूनी अभिनेत्री की छवि रह रह कर सामने आ रही हैं,,
अंडमान निकोबार द्वीप समूह से ताल्लुक रखती हैं प्राम्भिक पढ़ाई वही हुई, वही पर रचनात्मकता में रूझान के चलते नुक्कड़ नाटक, रामलीला से रंगयात्रा शुरू की, और इसी रंगयात्रा के चलते चलते कालेज की पढ़ाई मुकम्मल की, फिर रंगयात्रा के शौक को आजीविका बनाने के इरादे से दिल्ली राष्ट्रीय नाट्य विधालय का रूख किया, जिसमे उनकी माताजी ने हर कदम पर पूरा पूरा सहयोग किया, प्रवेश मिल गया लेकिन कागजो की तकनीकी समस्याओं के चलते तकनीकी समस्या आई तो प्रवेश रद्द हो गया, लेकिन राखी के पंखों ने खुद को खोल कर आसमां मापने के हौसला बना चुके थे तो वही दिल्ली श्रीराम अभिनय रेपेट्री एकादमी में प्रवेश लिया जहां राखी ने बतौर अभिनेत्री के बतौर यात्रा शुरू की…
पहली मुलाकात राखी से दिल्ली के श्री राम सेंटर ऑफ थियेटर रेपेट्री में एक नाटक के दौरान हुई थी, यह बात सन 2005 की रही होगी.. तब राखी मुश्ताक काक के निर्देशन में ड्रामा “चेखव इन माय लाइफ” तब मैं देखा कि एक नई कमसिन उम्र की बालिका अधेड़ औरत की भूमिका कर रही थी मैं उस किरदार को हजम नही कर पा रहा था, लेकिन जैसे जैसे नाटक आगे बढ़ता गया उस किरदार ने पूरा नाटक अपने कंधों पर उठा लिया, मैं रखी के किरदार की शिद्दत लगन देख कर हैरान था, और खुश भी
नाटक के बाद खाने पर गुफ्तगू पर दोस्ती हुई,
एनएसडी की शिक्षा के दौरान 2011 वहां दीपा मेहता पहुची – उन्होंने राखी को अभिनय करते देखा – फ़िल्म मिडनाइट चिल्ड्रन की कास्टिंग के लिए राखी एक छोटे परन्तु एहम किरदार के लिए प्रोत्साहन किया चयनित हुई, फ़िल्म से अंतराष्ट्रीय ख्याति मिली, एक और अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म “द ब्राइट डे” में भी एभिनय किया।

अब वक्त था एभिनय के पंखों को परवाज़ देने का आसमान को मापने – मुम्बई कुच करने का तो राखी 2014 में मुम्बई पहुची।

फिर मुलाकात हुई मुम्बई में जहां हम दोनों संघर्ष के दिनों में काम को लेकर संघर्षरत थे कभी कभी चाय की चुस्कियों पर चर्चा निकलती रहती थी, क्या काम मिला क्या छूट गया वगेरह वगेरह…

राखी अब एक धारावाहिक कुबूल है में अभिनय किया, फिर एक अन्तरराष्ट्रीय फ़िल्म भोर में काम किया, फिर निष्ठा जैन जो कि आजकल ऑस्कर की ज्यूरी में है उनकी एक फ़िल्म “सबूत” में एक बड़ा और चुनोतिपूर्ण किरदार निभाया था, राखी फिर एक मराठी फिल्म टिंग्या, मलाल के निर्देशक की शोर्ट फ़िल्म में दिखी “चलो जीते है”, 102 नॉट आउट मे भी देखी गई थी।

पिछले बरस एक फ़िल्म फेस्टिवल के लिए एक फ़िल्म में आम लड़कीं का किरदार निभाया जो लड़कीं अपनी पहचान बनाने की जद्दोजहद में लगी हुई थी।
राखी ने फिल्मों में कोई बड़े किरदार नही किये लेकिन जितने किरदार किये है उनका अपना वजूद और एहमियत रखते थे।

आगामी फिल्म(वेबसीरीज) फ्लेश को लेकर चर्चा :-
फ़िल्म का विषय मॉनव तस्करी जैसे जवलंत शील और संवेदनशील मुद्दे पर है जो कि खासकर लड़कियों की अस्मत का सौदा करते है विषय की गम्भीरता सीरीज को खास बनाती है
फ़्लेश में किरदार को लेकर रखी ने बताया कि उनका किरदार तय होते ही दूसरे दिन से शूट पर जाना पड़ गया था- जो कि एक तरह से किस्मत ज़ोरदार होने पर मिल गया था, इस फ़िल्म में छाया नाम का किरदार निभा रही है, जो कि छोटी छोटी लड़कियों को सम्भालती है और वक्त आने पर आगे पहुचाती हैं, किरदार खूंखार और अमानवीय पृवत्ति से भरा हुआ है जो अपने मालिको की खुशी के लिए कोई भी और कुछ भी काम कर सकती है।

कुछ एक्शन दृश्यों में स्टंट का प्रयोग किया गया तो राखी ने कहा कि मैं कर सकती हूं मौका दीजिये- यह होती है तडप तकनीकी समस्या के चलते नही कराया गया पर यह मामला राखी का अपने किरदार के प्रति समर्पणभाव शिद्दत- मेहनत-लगन दिखाता हैं
राखी ने अपनी अभिनय क्षमताओं को बड़ी सहजता और ईमानदारी से प्रयोग किया है जिसके कारण वह छोटी से छोटी भूमिका में भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रही है
वेसे भी फ़िल्म में हर एक किरदार महत्वपूर्ण होता है लेकिन राखी उस किरदार को जीवंत बना कर दर्शको के मन मे घर बनाने में कामयाब रही है
चलते चलते राखी के लिए…

अभी तो पंख खोले है उड़ान अभी बाकी हैं,
जमी को नाप लिया आसमाँ अभी बाकी है।

हम राखी के अभिनय की कामयाबी की उड़ान के लिए शुभकामनाएं देते है

फ़िल्म समीक्षक :- इदरीस खत्री

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