निर्देशक :- फारूक कबीर
अदाकार :- विद्युत जामवाल, शिवालिका ओबेरॉय, अन्नू कपूर, अहाना कुमारा, शिव पंडित, आराध्य मान,
संगीत :- मिथुन (गीत संगीत), पार्श्व -अमर
एक्शन रोमांस से भरपूर लेकिन कहानी कमज़ोर
फ़िल्म से पहले एक चर्चा :-
लॉकडाउन की विभीषिका अभी भी फ़िल्म उद्योग पर जारी है और फ़िल्म हॉटस्टार डिज्नी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित की गई है,
मूल कहानी समीर चौधरी की ज़िंदगी से ली गई है कैसे कुछ आतंकी उनकी पत्नी को अगवा कर लेते है और समीर अपनी पत्नी के लिए लड़ते है लेकिन फ़िल्म को फ़िल्म बनाने के लिए तड़का और मसाला जोड़ा ही जाता हैं – फ़िल्म देखते वक्त बार बार बागी -3की कहानी याद आती रही क्योकि बागी- 3 में हीरो का भाई अगवा हो जाता है यहां पत्नी
तो मूल परिकल्पना तो फ़िल्म की वही हुई तो रह रह कर बागी -3 की यादे ताज़ा होती रही…. खैर
कहानी :-
देश मे आर्थिक मंदी के वक्त सन 2008 के दौरान नरगिस (शिवालिका)एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है जो कि एक कम्पनी में नोकरी करती है और समीर चौधरी (विद्युत) में मुहब्बत हो जाती है यह दोनो शादी कर लेते है, लेकिन वैश्विक मंदी के चलते नोकरी चली जाती है, अब दोनो परिवार चलाने के लिए कमाने की सोचते है और विदेश जाकर नोकरी करने का तय करते है नरगिस विदेश जाकर नोकरी कर कमाने के तजवीज (प्रस्ताव) पर रज़ामन्दी होती हैं, नरगिस खड़ी देशों में से एक देश ओमानपहुचती है लेकिन वह वहां पर अगवा हो जाती है जिसे वह के डॉन(नवाब शाह) जो कि औरतों के जिस्म फरोशी का धंधा करते है, उसके गिरोह के लोग उठा लेते है, इधर समीर को फोन पर खबर मिलती है तो वह अपने परिवार- पत्नी-प्यार को बचाने के लिए वहां पहुचता है और शुरू होता है एक्शन का डोज जिसमे वहां का एक स्थानीय अच्छा आदमी (अन्नू कपूर) मदद करता है
क्या समीर अपने प्यार-पत्नी को उन लोगो से बचा पाएगा
इस सवाल के जवाब के लिए फ़िल्म देखनी बनती है
अदाकारी :-
विद्युत जामवाल एक्शन और शरीर दिखाने के साथ अब एभिनय में भी पकने लगे है किरदार से न्याय किया, शिवालिका बेहद खूबसूरत लगी है पर एभिनय पर उनको काम करना पड़ेगा, अन्नू कपूर मंजे हुवे अभिनेता है और उनकी काबिलियत हर एक दृश्य दर दॄश्य दिखती हैं, पंडित भी जितना काम मिला उसे ईमानदारी से कर गए है,
नवाब शाह कदकाठी के अनुरूप किरदार में जमे है,
बजट :-
फ़िल्म का अनुमानित बजट लगभग 25 करोड़ बताया जा रहा है
पहले दिन की ओटीटी से कमाई की उम्मीद लगभग 7 से 9 करोड़ रहेगी यदि यह ओपनिंग सटीक बैठती है तो पहले ही सप्ताहांत में फ़िल्म बजट निकाल लेगी
गीत संगीत :-
मिथुन ने गाने “एहसास की जुबां”, “तेरे संग हु मैं आखरी कदम तक” सुनने में कर्णप्रिय बने है, टाइटल खुदा हाफ़िज़ भी ठीक बना है दिल ए नांदा की हर खुशी तू है भी कानो में घुलने लगता है , कूल मिलाकर रोमेंटिक लव स्टोरी में जो योगदान गानो का होता है वह बखूबी निभाया गया है,
कमज़ोर पक्ष
कहानी फ़िल्म की पिछली कई फिल्मों में देखी जा चुकी है कोई नयापन नही है पटकथा भी औसत ही है,
एक्शन पर जो उम्मीद की गई थी कमांडो सीरीज से ऊपर की तो उसमें निराशा हाथ लगी
फ़िल्म समीक्षक :- इदरीस खत्री