इंदौर (IDS-PRO) लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन की पहल पर इंदौर में हो रहे कार्यों के अंतर्गत ललित कला अकादमी के क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना के लिये एवं ललित कला अकादमी की गतिविधियों को संचालित करने के लिये विभिन्न परिसरों को चिन्हित किया गया है। उन्हीं गतिविधियों के अंतर्गत आज इंदौर राजस्व संभाग के कमिश्नर श्री संजय दुबे ने मुम्बई के प्रसिद्ध कन्वर्जन आर्किटेक्ट श्री विकास पीलवारी के साथ राजबाड़ा के आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उनके साथ हवलानी आर्किटेक्ट श्री अर्जुन अवलानी और आर्कोलॉजी के अधिकारी श्री ताहिर एवं एकेव्हीएन के एमडी श्री मनीष सिंह भी थे।
संभागायुक्त श्री दुबे ने निरीक्षण के दौरान गोपाल मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और ललित कला अकादमी की आवश्यकता अनुसार परिसर में जर्जर हो चुके भवन के संबंध में सभी से चर्चा की और निर्देश दिये कि ललित कला अकादमी के लिये मुक्ताशी मंच, जो खुला एवं कलादीर्घा बनाया जाये। इसके लिये आवश्यक कार्ययोजना बनाई जाये। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाये कि राजबाड़ा के ऐतिहासिक एवं पुराणिक महत्व को हर हाल में बनाया रखा जाये और भवन में जितनी भी उपयोगी सामग्री है, उसका भी उपयोग किया जाये।
इसके बाद संभागायुक्त श्री दुबे ने गोपाल मंदिर परिसर स्थित केन्द्रीय मुद्राणालय भवन का भी निरीक्षण किया, उसकी तीनों मंजिलों अवलोकन भी किया और उन्होंने निर्देश दिये कि भवन में स्थित सभी वस्तुओं, लकड़ी के स्तंभों का डक्यूमेंटेशन किया जाये, उनकी नम्बरिंग की जाये और उपयोगी होने पर सभी निर्माण कार्यों में उनका उपयोग किया जाये। राजबाड़े के मूल स्वरूप को बनाये रखते हुये जर्जर भवन को मजबूती दी जाये और जो भवन पूरी तरह से बेकार हो चुके हैं, उनका भी फोटोग्राफी कर मलबा हटाया जाये। मलबा हटाकर नवीन निर्माण कार्यों को प्रारंभ किया जाये।
निरीक्षण के दौरान संभागायुक्त ने बताया कि राजबाड़ा क्षेत्र में कई मंदिर, मस्जिद व अन्य धर्मों के देवालय स्थित हैं। इसके लिये राजबाड़ा के पूरे क्षेत्र में हेरिटेज पाथ (धरोहर मार्ग) बनाया जायेगा, जिसमें पर्यटक पैदल चलकर राजबाड़ा एवं उसके आसपास के क्षेत्रों का अवलोकन कर सकेंगे। हेरिटेज पाथ बन जाने के बाद राजवाड़ा क्षेत्र को नो व्हीकल जोन बनाया जायेगा। संभागायुक्त ने बताया कि राजबाड़ा का भवन लगभग 200 साल से अधिक पुराना है। इस कारण पुनर्निर्माण कार्यों को करने में समय अधिक लग सकता है। इसके लिये पहले पूरे भवन का डाक्यूमेंटेंशन किया जायेगा, तदुपरांत उसमें संरक्षण, मजबूतीकरण, नवीनीकरण हो सकेगा। इस पूरे कार्य में अनुमानित 8 से 10 करोड़ रुपये व्यय होने की संभावना है। प्रारंभिक रूप से 3 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध है। इसके लिये उन्होंने जनभागीदारी से निर्माण कार्य किये जाने की बात भी कही और कहा कि इंदौर स्थित राजबाड़ा हमारी पहचान है। इसका पुनर्निर्माण, नवीनीकरण, जीर्णोद्वार हमारे लिये गर्व की बात है और यह कार्य सभी के प्रयासों से हो इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता है। मैं सभी इंदौरवासियों से अपील करता हूं कि वे इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपने समर्थ अनुसार सहयोग करें, जिससे माँ अहिल्या की इस धरोहर को हम अपने आने वाली पीढ़ियों के लिये संरक्षित कर सकें। इसी के साथ उन्होंने बताया कि राजबाड़ा में लाइट एवं साउंड शो की व्यवस्था भी जल्द ही चालू की जायेगी। इसके लिये अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है।
संभागायुक्त श्री दुबे ने राजबाड़ा परिसर के पीछे स्थित दुर्गा मंदिर का भी अवलोकन किया। उन्होंने मंदिर के जीर्णोद्धार, नवीनीकरण, संरक्षण के संबंध में अर्केलॉजिकल विभाग और अर्किटेक्ट से जानकारी ली, कि मंदिर को और संरक्षित और भव्य कैसे किया जा सकता है। उपरोक्त सभी कार्यों के लिये व्यापक कार्ययोजना बनाकर जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश संभागायुक्त द्वारा दिये गये।