ये जो फोटो आप देख रहे हैं किसी शादी-सम्मेलन में सजावट का नहीं है। ये सौ साल पूरे कर चुके सराफा बाजार का है। दो-तीन महीने पहले तक समोसा कार्नर से सराफा चौक (भेरू बाबा मंदिर) तक दो पहिया वाहन से जाने पर भी दस बार सोचना पड़ता था क्योंकि वाहनों की रेलमपेल ऐसी रहती थी कि गाड़ी लगभग रेंगते …
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