मैं तुझे फिर मिलूंगी
अमृता प्रीतम की रचनाओं को पढ़कर हमेशा सुकून मिलता है. शायद इसलिए कि उन्होंने भी वही लिखा जिसे उन्होंने जिया. अमृता प्रीतम ने ज़िंदगी के विभिन्न रंगों को अपने शब्दों…
सजेधजे सराफा की रौनक से चमके दुकानदारों के चेहरे
ये जो फोटो आप देख रहे हैं किसी शादी-सम्मेलन में सजावट का नहीं है। ये सौ साल पूरे कर चुके सराफा बाजार का है। दो-तीन महीने पहले तक समोसा कार्नर…
चिता का ये धुआं
मैं नहीं जानता प्राण देह से अर्जित ज्ञान और अनुभव का कितना हिस्सा जाते वक्त पार्थिव में छोडक़र जाता है। अगर वह सारे कोष खाली कर देह को अपशिष्ट की…
लौट कर आयूंगा कूच से क्यों डरूं
अटल थे तो कहाँ जायेंगे यहीं तो है आप उन्हें जहाँ पाएंगे अटल जी जैसी शक्शियतें कभी मरा नहीं करती ये बात और है की मौत से उनकी ठनी थी…
ओझल हुआ राजनीति का ध्रुवतार
अटलजी की सभा के लिए कभी भीड़ नहीं जुटाना पड़ी जैसे नरेंद्र मोदी या राहुल गांधी की सभा के लिए महीनों पहले से भीड़ जुटाने की रणनीति पर काम करना…
जब हम यमदूत का इंतजार करते हैं
जीवन जितनी सहजता से जीया जा सकता है, उतनी ही असहज मृत्यु हो सकती है। खासकर तब जब वह देहरी पर आकर खड़ी हो जाए। न भीतर आए न बाहर…
बाढ़ के क़हर को रोकने की दरकार
बरसात का मौसम शुरू ही देश के कई राज्य बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। बाढ़ से जान व माल का भारी नुक़सान होता है। लाखों लोग बाढ़ से…
हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल : नातिया कलाम के हिन्दू शायर “तिलकराज पारस”
हिन्दू धर्म में जिस तरह जगराता और भजन संध्या को जनमानस अध्यात्म और भक्ति से जुड़ा मन को शांति व संकल्प को संतोष देने वाला गीत संगीत से जुड़ा कार्यक्रम…
” जीजी “
“अरे सुन, बेटा ये लाइट यहाँ लगा और ये फूलों की झालर ऊपर लेजाकर लगा दे और सुमनिया तू तो सजधज कर अभी तक यहीं खड़ी है अरे जल्दी जाकर…
अपन तो गपोड़ा नहीं मानते !
मुझे समझ नहीं आता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ऐसा क्या गलत कह दिया कि बवाल मच गया। अमरीका यात्रा पर गए सीएम ने एयरपोर्ट से कार में गंतव्य की ओर…


