शिव धनुष (पिनाक) क्यों टूटा
क्या श्रीराम का पिनाक को भंग करना उचित था? माता सीता के स्वयंवर के विषय में हम सभी जानते हैं। इसी स्वयंवर में श्रीराम ने उस पिनाक को सहज ही…
कर्म भोग
अवश्यमेव भोक्तव्यंकृतं कर्म शुभाशुभम्। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है प्रत्येक जीव को अपने किये हुए अच्छे एवं बुरे कर्मों के फल को भोगना पड़ता है। एक गाँव में…
नारद जी कैसे बने बंदर
श्री नारद बड़े ही तपस्वी और ज्ञानी ऋषि हुए जिनके ज्ञान और तप की माता पार्वती भी प्रशंसक थीं। तब ही एक दिन माता पार्वती श्री शिव से नारद मुनि…
मूर्ति में क्यों बसते हैं भगवान
क्यों भगवान मूर्ति में उपस्थित हो जाते हैं और पत्थर की मूर्ति भगवान बन जाती है ? भगवान के अर्चावतार से सम्बधित एक भक्ति कथा । किसी नए काम को…
समर्पण का भाव
एक बार एक बेहद ख़ूबसूरत महिला समुद्र के किनारे रेत पर टहल रही थी।समुद्र की लहरों के साथ कोई एक बहुत चमकदार पत्थर छोर पर आ गया।महिला ने वह नायाब…
वाणी पर नियंत्रण
क बार की बात है,नयासर गांव में एक ईमानदार लड़का रहता था,वह सभी से प्यार से बाते करता था जिससे जलन के मारे एक बार एक बूढ़े आदमी ने अफवाह…
देव दीपावली
जानिए इस दिन देवता क्यों मनाते हैं दिवाली..?देव दीपावली, जिसे देव दिवाली या “देवताओं की दिवाली” भी कहा जाता है, भारत के सबसे प्राचीन और पवित्र नगरों में से एक,…
पूर्णिमा पर क्यों सुनी जाती है सत्यनारायण व्रत कथा ?
आमतौर पर देखा जाता है किसी शुभ काम से पहले या मनोकामनाएं पूरी होने पर सत्यनारायण व्रत की कथा सुनने का विधान है। सनातन धर्म से जुड़ा शायद ही कोई…
बीता हुआ समय दोबारा नही आता
एक नगर में एक बहुत ही धनवान व्यक्ति रहता था, उस व्यक्ति ने अपना सारा जीवन पैसे कमाने में लगा दिया, उसके पास इतना धन था, कि वह उस नगर…
सबसे समर्थ और सबसे सच्चा साथी
एक छोटे से गाँव मे श्रीधर नाम का एक व्यक्ति रहता था स्वभाव से थोड़ा कमजोर और डरपोक किस्म का इंसान था! एक बार वो एक महात्माजी के दरबार मे…