माना हमारे ख़्वाब की ताबीर तुम नहीं

होठों पे नरम धूप सजाते रहे हैं हम आंखों में जुगनुओं को छुपाते रहे हैं हम माना हमारे ख़्वाब की ताबीर तुम नहीं पलकों पे इनको फिर भी सजाते रहे…

तुम्हारे ख़त मुझे बहुत अच्छे लगते हैं…

तुम्हारे ख़त मुझे बहुत अच्छे लगते हैं क्यूंकि तुम्हारी तहरीर का हर इक लफ्ज़ डूबा होता है जज़्बात के समंदर में और मैं जज़्बात की इस खुनक (ठंडक ) को…

आओ मन की गाँठें खोलें

यमुना तट, टीले रेतीले, घास फूस का घर डंडे पर, गोबर से लीपे आँगन में, तुलसी का बिरवा, घंटी स्वर. माँ के मुँह से रामायण के दोहे चौपाई रस घोलें,…

मौत से ठन गई

ठन गई! मौत से ठन गई! जूझने का मेरा इरादा न था, मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था, रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई, यों लगा ज़िन्दगी से…

कौरव कौन, कौन पांडव

कौरव कौन कौन पांडव, टेढ़ा सवाल है| दोनों ओर शकुनि का फैला कूटजाल है| धर्मराज ने छोड़ी नहीं जुए की लत है| हर पंचायत में पांचाली अपमानित है| बिना कृष्ण…

आओ फिर से दिया जलाएँ

आओ फिर से दिया जलाएँ भरी दुपहरी में अंधियारा सूरज परछाई से हारा अंतरतम का नेह निचोड़ें- बुझी हुई बाती सुलगाएँ। आओ फिर से दिया जलाएँ हम पड़ाव को समझे…

मेरा हिन्दुस्तां

जहाँ हर चीज है प्यारी सभी चाहत के पुजारी प्यारी जिसकी ज़बां वही है मेरा हिन्दुस्तां जहाँ ग़ालिब की ग़ज़ल है वो प्यारा ताज महल है प्यार का एक निशां…

पथ की पहचान

पूर्व चलने के बटोही बाट की पहचान कर ले। पुस्तकों में है नहीं छापी गई इसकी कहानी हाल इसका ज्ञात होता है न औरों की जबानी अनगिनत राही गए इस…

जीवन की आपाधापी में

जीवन की आपाधापी में कब वक़्त मिला कुछ देर कहीं पर बैठ कभी यह सोच सकूँ जो किया, कहा, माना उसमें क्या बुरा भला। जिस दिन मेरी चेतना जगी मैंने…