पुष्यमित्र भार्गव को न 22 सालो में भाजपा महापौरो की उपलब्धियों और कमियों का पता और न ही इंदौर को लेकर भविष्य की कोई योजना!
जब स्मार्ट शहरों की पूरी योजना, नीतियां और समाधान केंद्र और राज्य सरकारों से आ रहे हैं! तो शहरों के महापौर प्रत्याशी के लिए पुष्य मित्र भार्गव जैसे सरकारी प्रशासनिक चेहरो की ही आवश्यकता है भाजपा को! इस तरह के चेहरों की मुख्य योग्यता उनकी शैक्षणिक उपलब्धियां और संस्थागत राष्ट्रवादी विचार धारा!
जनता का लीडर या नेता होना! जनता या शहर के बीच मे काम करनेवाला होना! अनुभवी होना कोई माने नहीं रखता है!
इंदौर प्रेस क्लब के एक टॉक शो में इंदौर नगर निगम के भाजपा के महापौर पद के प्रत्याशी पूर्व हाई कोर्ट सरकारी वकील पुष्य मित्र भार्गव ने न तो यह बताया कि पिछले 22 सालो से भाजपा महापौरो की अगुवाई में शहर में क्या उल्लेखनीय विकास हुआ! और न ही यह बता पाए कि वो अगले 5 सालो मे क्या बेहतर सुविधाएं शहर को दे पाएंगे! न तो उन्हें नगर निगम की दृष्टि से शहर का भूगोल पता है! और न ही शहर की पुरानी समस्याए और आने वाली चुनौतिया और उनका समाधान!
टॉक शो में न तो वो तेजस्वी वक्ता लगे और न ही प्रभावी और न ही इंदौरी !
पुष्य मित्र भार्गव के पास न तो लोकतांत्रिक प्रशासनिक व्यवस्था का कोई अनुभव है! और न ही समाज या शहर मे मास लीडर की कोई छवि! समाज, शहर और आम आदमी की सेवा करने का कोई जज्बा, जुनून और संकल्प!
हाँ राष्ट्रवाद के इंस्टिट्यूशनल शब्द और संस्कार जरूर है!
यहां पर यह उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी और स्वच्छता अभियान तो केंद्र सरकार की योजना है!
नियमों को ताक पर रखकर इन्दौर शहर में 1000 से ज्यादा अवैध कालोनियां, बस्तियाँ और हज़ारों मल्टियों को 22 साल से भाजपा के महापौर होते हुए कैसे और किसने बसा दिया!?
लेखक :- प्रदीप मिश्रा (री डिसकवर इंडिया न्यू्ज)