रक्षा बंधन कथा
रक्षाबंधन का त्योहार सिर्फ लोक परंपरा का हिस्सा भर नहीं है, बल्कि इसके साथ कई पौराणिक कथाएं भी हैं। ऐसी ही एक कथा राजा बली, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी…
श्रावण सोमवार पौराणिक व्रत कथा
श्रावण सोमवार की कथा के अनुसार अमरपुर नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर में उस व्यापारी का सभी लोग मान-सम्मान करते…
मातृभूमि संरक्षक की गौरव गाथा
अफजल खान ने गले मिलते वक्त शिवाजी की पीठ में कटार घोंप दी , तब शिवाजी ने अपनी अगुलियों में छुपाये बाघनख को अफजल के पेट में घुसेङ दिया जिससे…
माँ अन्नपूर्णा की पूजा और कथा
अन्नपूर्णा माता को हिंदू धर्म में भोजन की देवी माना जाता है। उन्हें समृद्धि, सम्पत्ति, और संपूर्णता की देवी के रूप में पूजा जाता है। अन्नपूर्णा का अर्थ होता है…
ज्येष्ठ पूर्णिमा वट सावित्री व्रत
सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा पड़ती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 22 जून…
कर्मबंधन
एक राजा बड़ा धर्मात्मा, न्यायकारी और परमेश्वर का भक्त था। उसने ठाकुरजी का मंदिर बनवाया और एक ब्राह्मण को उसका पुजारी नियुक्त किया। वह ब्राह्मण बड़ा सदाचारी, धर्मात्मा और संतोषी…
राजा भोज का प्रश्नन
ऐसा कौन सा कुआं है जिसमें गिरने के बाद आदमी बाहर नहीं निकल पाता ? एक बार राजा भोज के दरबार में एक सवाल उठा कि ऐसा कौन सा कुआं…
“मैं न होता, तो क्या होता?”
सुंदरकांड का एक प्रसंग अवश्य पढ़ें और अपने जीवन में ऊतारे…. ” मैं न होता, तो क्या होता ? “ना मैं श्रेष्ठ हूँ,ना ही मैं ख़ास हूँ,मैं तो बस छोटा…
सब मे राम
तुलसीदास जी जब “रामचरितमानस” लिख रहे थे, तो उन्होंने एक चौपाई लिखी : — सिय राम मय सब जग जानी।करहु प्रणाम जोरी जुग पानी।। अर्थात :- पूरे संसार में श्री…
मूर्ति में क्यों बसते हैं भगवान
क्यों भगवान मूर्ति में उपस्थित हो जाते हैं और पत्थर की मूर्ति भगवान बन जाती है ? भगवान के अर्चावतार से सम्बधित एक भक्ति कथा । किसी नए काम को…