भिया अपना इंदौर अभी नशे में मद मस्त हो रिया है…
पुलिस और प्रशासन की मेहरबानी से नशे का कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी तरीके से फल फूल रहा है
नशे के कारोबार के खिलाफ हिन्दू संगठनों ने पलासिया चौराहा घेरा था
तो पुलिस ने हिन्दू वीरो को दौड़ा दौड़ा कर कुत्ते के माफ़िक मारा था,
पुलिस को गुस्सा इस बात का नही था
की थाना घेरा
गुस्सा इस बात का था की सालों हमारी बंदी पर लात मारते हो,
अभी भिया इंदौर में स्थिति ऐसी है
की अगर आपके पास रिवाल्वर का लाइसेंस हो
चाचा विधायक हो
या आप छुटभैये नेता हो
तो ही रात 10 बजे के बाद घर से निकलना…
वरना अभी स्थिति ये है
की कोई भी नशेड़ी इंदौरी जरा सी टक्कर लगने पर,
कट लगने पर,
कीचड़ उछलने पर,
आपको फेमस इंदौरी डायलॉग मारेगा..
“तू मुझे जानता नही है
में कौन हूँ” ?
आप तुरंत कहना भाई आप तो शहर के माई बाप हो..
जरा भी उलझने की कोशिश मत करना,
हेकड़ी तो बिलकुल भी मत दिखाना,
नही तो वो नशेड़ी
रामपुरी निकाल कर
आपकी आत्मा का परमात्मा से मिलन करवा देगा…
आप तो चुप चाप पतली गली से निकल लेना..
वरना आपके परिवार को बर्बाद होने से कोई नही बचा पायेगा…
आप तो सड़क के छोटे मोटे विवादों से बचो..
कोई घूर रहा है
तो घूरने दो,
कोई गाली बक रहा है
तो बकने दो..
आप तो विवाद होने पर परिवार ओर बच्चों को याद करो
और तुरंत वँहा से निकल लो…
वरना फ़ोटो पर हार टँगने में देर नही लगेगी…
ये सारी मेहरबानी है
इंदौर पुलिस की…
क्योंकि इंदौर की पुलिस नपुंसको से भी गई गुजरी है…
जब से पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हुआ है
तब से तो पुलिस का दम ही निकल गया है
पुलिस का खोफ ही खत्म हो गया है
40 किलो के लौंडे दो बोतल शराब पीकर चाकू लहरा रहे है
और पुलिस है की पिछवाड़ा ऊपर करके सो रही है…
पहले जब पुलिस कमिश्नर सिस्टम नही था
तब गुंडे बदमाश
Sp पन्नालाल,
रूस्तम सिंह,
संजीव शमी
Dig संतोष सिंह जैसे दबंग अधिकारियों से डरते थे,
अब तो ये ही नही पता इंदौर का पुलिस कमिश्नर है कौन ??
Dig संतोष सिंग ने हर जगह बैरिकेड लगाकर,
चेकिंग अभियान द्वारा गुंडे बदमाशो पर नकेल कस दी थी…
अब तो पुलिस नजर ही नही आती है…
नाईट कल्चर के नाम पर इंदौर के माहौल को खराब किया जा रहा है
पब में रात 12 बजे भी अधनंगी लड़किया ओर लड़के नशे में झूम रहे है..
पुलिस मस्त है
जनता पस्त है
भिया अभी तो घर मे रहने में ही भलाई है
क्या पता कौन सिरफिरा
चाकू लेकर बाहर खड़ा हो ??
©️✍ देवेंद्र चौहान