मंत्रियों, विधायकों का भ्रष्टाचार आपको ले बैठेगा शिवराज जी…

एक अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए मैं दो दिन पहले महिदपुर में था। शवयात्रा से लेकर अंतिम संस्कार तक करीब डेढ़ घंटे में तकरीबन 50 लोगों से संवाद हुआ। इनमें व्यापारी भी थे, गांव के किसान भी, समाज के प्रतिष्ठित लोग भी और आम नागरिक भी। बात महिदपुर के विधायक बहादुरसिंह चौहान से शुरू हुई और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर आकर खत्म हुई। लब्बोलुआब यह निकला कि विधायकों और मंत्रियों का भ्रष्टाचार शिवराज को ले बैठेगा। शाम को जब इंदौर पहुंचा, तब तक यह खबर आ चुकी थी कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला को भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया और और एंटी करप्शन ब्यूरो से उन्हें गिरफ्तार भी करवा दिया।

शिवराज जी, मध्यप्रदेश में मंत्रियों और विधायकों के भ्रष्टाचार के किस्से अब लोगों की जुबां पर आ गए हैं। आपकी पार्टी के कार्यकर्ता ही कहने लगे हैं कि बिना पैसे के कोई काम ही नहीं करता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बेहद नजदीकी माने जाने वाले मालवा क्षेत्र के दो मंत्रियों के भ्रष्टाचार के किस्सों की तो कार्यकर्ता झड़ी लगाने लगे। ये दोनों मंत्री ‘सिस्टम’ से ही काम करने में भरोसा रखते हैं और स्थिति यह है कि संघ और विधायकों की अनुशंसा के बावजूद कई मामलों में काम तभी हुआ, जब इन मंत्रियों के ‘सिस्टम’ को फालो किया गया। कई मंत्रियों के यहां स्थिति यह है कि चाहे विधायक अनुशंसा करें या मंत्री या फिर पार्टी के पदाधिकारी, जब तक आप ‘सिस्टम’ फालो नहीं करेंगे, बात बनेगी नहीं। मंत्रियों के बंगलों से सीधे फोन करके लोगों को बुलाया जाता है और ‘सिस्टम’ के बाद ही आदेश मिल पाता है। हाथों हाथ यह भी कहा जाता है कि रिकमंंड कहीं से भी करवाओ, चलना `सिस्टम’ से ही होगा।

मुख्यमंत्री जी, आप जगह-जगह सभाओं में यह कहकर दहाड़ते हैं कि भ्रष्टाचार करने वाले को उल्टा लटका दूंगा, जमीन में गाड़ दूंगा और प्रदेश में रहने लायक नहीं रखूंगा। दिल पर हाथ रखकर कहिए कि क्या आपके इतने तीखे तेवर के बावजूद मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार रुक पाया? जब कोई सरकारी कारिंदा भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तब आपके मातहत उसकी पूरी कुंडली खंगाल देते हैं। बावजूद इसके सरकारी अफसरों और कर्मचारियों के भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग पाया है। काम के नाम पर सरकारी महकमों में जो चौथ वसूली हो रही है, उसकी दर सुनकर भी आप हैरान रह जाएंगे। लोग कहने लगे हैं कि जो काम पहले एक हजार रुपए में हो जाता था, वह अब दो या तीन गुनी राशि देकर करवाना पड़ रहा है।

मंत्रियों और विधायकों का यह भ्रष्टाचार आपको ले बैठेगा मुख्यमंत्री जी। सालों पहले जब भाजपा के कद्दावर नेता कृष्णमुरारी मोघे, नए-नवेले अरुण यादव के खिलाफ खरगोन से लोकसभा उपचुनाव लड़ रहे थे, तब कई गांवों की खाक छानने के बाद मैंने दैनिक भास्कर के प्रथम पृष्ठ पर खबर लिखी थी कि विधायकों का भ्रष्टाचार मोघे को ले डूबेगा। हुआ भी यही। अब तो ऐसा लगने लगा है कि भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्रियों और विधायकों पर आपका कोई नियंत्रण नहीं है। पार्टी के लोग कहने लगे हैं कि आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे ये नेता मौका आने पर आपको आंखें दिखाने में भी पीछे नहीं रहते हैं।

कार्यकर्ता कहने लगे हैं कि आखिर हम काम किसके लिए करें। उस मंत्री के लिए जो पैसा लिए बिना कोई काम नहीं करता या फिर उस विधायक के लिए जिसने अपने विधानसभा क्षेत्र को अपनी रियासत मानकर हर सरकारी महकमे से बंदी तय कर ली है और हर ठेकेदार से उसे कमीशन चाहिए। ज्यादातर विधायक तो अब ठेकों में पार्टनर हो गए हैं। संगठन में जिन लोगों को जिम्मेदारी है वे अब ‘कोआर्डिनेशन’ में लग गए हैं और इसके लिए अच्छी खासी फीस वसूल रहे हैं।

भ्रष्टाचार के किस्से अब आम हो चले हैं।

मंत्रियों और विधायकों के भ्रष्टाचार के किस्से आम लोगों की जुबां पर आना इस बात का संकेत है कि भ्रष्टाचार की अति हो गई है। एक वरिष्ठ मंत्री की स्थिति यह है कि वे आवेदन पर ही कोड डाल देते हैं और बाद में उनके ओएसडी संबंधित व्यक्ति को बुलाकर हिसाब-किताब कर लेते हैं। निमाड़ से वास्ता रखने वाले एक मंत्री हर महीने अपने एक दलाल को विभाग के अफसरों के पास यह कहकर भेज देते हैं कि मुझे पार्टी फंड में पैसा देना पड़ता है। मालवा के एक वरिष्ठ मंत्री तो एक तस्कर की मदद के लिए उसे लेकर आईजी के पास पहुंच गए थे। जब उक्त मंत्री के मुताबिक तस्कर को राहत नहीं मिली तो एक ईमानदार एसपी को ताबड़तोड़ हटा दिया गया। कांग्रेस से भाजपा में आने के बाद मंत्री बने एक नेता के चार दलाल राजधानी में दावे के साथ कहते हैं कि किसी भी महकमें का कोई भी काम हो हमें बताइए, लक्ष्मी की कृपा से सब हो जाएगा। महाकौशल के स्वतंत्र प्रभार वाले एक मंत्री ने तो भ्रष्टाचार की इंतहा कर दी। भ्रष्टाचार के ऐसे किस्सों की फेहरिस्त बहुत लंबी है और ऐसा भी नहीं है कि आपको इसकी जानकारी न हो।

मंत्रियों, विधायकों का भ्रष्टाचार ले बैठेगा शिवराज जी।

शिवराज जी क्या कारण है कि आप भ्रष्ट मंत्रियों और कमीशनखोर विधायकों पर नकेल नहीं कस पा रहे हैं। वे मंत्री और विधायक जो इस बिगड़ बाड़े में ईमानदारी से काम कर रहे हैं, भी आपसे इसलिए नाराज हैं कि इस गंदगी के छींटे उन पर भी उड़ रहे हैं। अभी भी मौका है संभल जाइए और जो तेवर भगवंत मान ने पंजाब में अपने भ्रष्ट मंत्री के खिलाफ अख्तियार किए वैसा ही कुछ कर डालिए। अन्यथा यह भ्रष्टाचार आपको ले बैठेगा।

लेखक :- अरविंद तिवारी (अध्यक्ष, इंदौर प्रेस क्लब)

IDS Live

Related Posts

शरद पूर्णिमा -चंद्रमा और 16 कलाएं

महारास की अमृतमय पूर्णिमा, भगवान श्रीकृष्ण, चंद्रमा और 16 कलाएंभगवान श्रीकृष्ण सोलह कलाओं से युक्त संपूर्ण अवतार माने जाते हैं लीलापुरुषोत्तम श्रीकृष्ण ने चंद्रमा की 16 कलाओं से संयुक्त शरद…

शरद पूर्णिमा विशेष

अश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा शरद पूर्णिमा कहलाती है इस वर्ष शरद पूर्णिमा की रात्रि मे आंशिक चन्द्र ग्रहण का योग बन रहा है इस वजह से इस रात्रि मे…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

सेक्स के अलावा भी कंडोम का उपयोग है?

सेक्स के अलावा भी कंडोम का उपयोग है?

शीघ्रपतन से छुटकारा, अपनाएं ये घरेलु उपाय

शीघ्रपतन से छुटकारा, अपनाएं ये घरेलु उपाय

सेक्स के लिए बाहर क्यूं मुंह मारते है पुरुष ?

सेक्स के लिए बाहर क्यूं मुंह मारते है पुरुष ?

गर्भनिरोधक गोलियों के बिना भी कैसे बचें अनचाही प्रेग्नेंसी से ?

गर्भनिरोधक गोलियों के बिना भी कैसे बचें अनचाही प्रेग्नेंसी से ?

कुछ ही मिनटों में योनि कैसे टाइट करें !

कुछ ही मिनटों में योनि कैसे टाइट करें !

दिनभर ब्रा पहने रहने के ये साइड-इफेक्ट

दिनभर ब्रा पहने रहने के ये साइड-इफेक्ट