इंदौर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, इंफोसिस के संस्थापक तथा एक्जिक्यूटिव चेयरमैन एन आर नारायण मूर्ति की उपस्थिति में इंदौर में कैम्पस के लिए आधारशिला रखी गई। यह कार्यक्रम दो घंटे तक चला। भूमिपूजन कार्यक्रम में CM शिवराज सिंह चौहान, कैलाश विजयवर्गीय, सांसद सुमित्रा महाजन, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्रसिंह, मेयर कृष्णमुरारी मोघे सहित कई नेता-प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एन आर नारायण मूर्ति ने कहा कि मध्यप्रदेश लगातार विकास की ओर अग्रसर है। निर्माण के पहले चरण में कंपनी 335 करोड़ का निवेश कर 5000 सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स के बैठने के लिए 7 लाख वर्गफीट क्षेत्र में निर्माण करेगी। इस अति आधुनिक कैम्पस के पहले चरण के अगले 24 माह में पूर्ण हो जाने की संभावना है। इंदौर में बनने वाला कैंपस इंफोसिस का अब तक का सबसे बेस्ट कैंपस होगा। मूर्ति ने जोर देते हुए कहा कि दुनिया के चार प्रोजेक्टों में से इंदौर सबसे बेस्ट होगा।
सुपर कॉरिडार स्थित इंफोसिस का यह नया कैम्पस मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आवंटित 130 एकड़ से अधिक भूमि पर फैला होगा | कैम्पस की डिजाइन एडिफिस आर्किटेक्ट सैण्ड ने तैयार की है, जिसे ग्रीन रेटिंग फॉर इंटिग्रेटेड हेबिटेट असेसमेंट (जीआरआईएचए) और लीडरशिप इन एनर्जी एण्ड एनवायरमेंटल डिजाइन (एलईईडी) की सर्वोच्च रेटिंग गाइडलाइन्स के अनुसार विकसित कर निष्पादित किया जाएगा। भवन की डिजाइन, ऊर्जा उपयोग तथा जल खपत पैटर्न में कई नवोन्मेषी विचारों का समावेश किया गया है। यह भवन निर्माण के लिए रेडिएण्ट कूलिंग टेक्नोलॉजी, प्राकृतिक प्रकाश, जल पुनर्चक्रीकरण तथा पर्यावरण हितैषी निर्माण सामग्रियों का उपयोग किया जाएगा। 7.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर वार्षिक राजस्व तथा 158,000 से अधिक कर्मचारियां वाला संस्थान इंफोसिस (न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज: आइएनएफवाय) किस तरह से कल के उद्यम को आज निर्मित कर रहा है, जानने के लिए infosys की website :- www.infosys.com पर विजिट करें।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं सूचना प्रौद्योगिकी, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की उपस्थिति में आईटी कंपनी इंफोसिस तथा प्रदेश शासन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेश तथा औद्योगिक प्रगति में इंफोसिस के साथ हुआ यह एमओयू प्रदेश के विकास का नया मार्ग प्रशस्त करेगा। इंफोसिस प्रदेश में 600 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। इससे प्रदेश में 13,000 युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसमें 50 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को दिया जाएगा। 130 करोड़ की लागत से पहला चरण 2017 तक पूरा होगा, जिसमें तीन हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।TCS और दोनों कंपनियों के कैंपस पूरी तरह विकसित होने पर 23 हजार लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा। कंपनी के कैंपस को स्पेशल इकोनॉमिक जोन का दर्जा मिल चुका है। कार्यक्रम के लिए नारायणमूर्ति रविवार शाम इंदौर पहुंच गए। IT कंपनी में IT इंजीनियरों के साथ ही अकाउंटेंट, मैनेजमेंट डिग्रीधारी युवाओं की भी जरूरत होगी।
कंपनी से अप्रत्यक्ष तौर पर भी हजारों लोगों को रोजगार मिलने की बात कही जा रही है। इसमें MBA,B.COM वालों को भी अवसर मिलेंगे |10 अगस्त 2013 में TCS ने भी कैंपस की आधारशिला रखी थी। कंपनी 10 हजार लोगों को सीधे रोजगार देगी। कंपनी सुपर कॉरिडोर पर आवंटित 100 एकड़ जमीन पर कैंपस विकसित कर रही है। जिसकी लागत 450 करोड़ रुपए है। कंपनी ने कैंपस की अधिकतम जगह का उपयोग ग्रीन बेल्ट के रूप में करने की योजना बनाई ह
ै। इसलिए हाईराइज भवन बनाए जाएंगे। तीन से अधिक ब्लॉक बनेंगे। प्रशासनिक ब्लॉक के अलावा अन्य गतिविधियों के लिए भी भवन होंगे।कैंपस में ही फूड कोर्ट होगा। कंपनी की बाउंड्रीवाल फिजिबल होगी। इसके ब्लॉक अन्य जगह से बनकर आएंगे और सीधे कैंपस में लगा दिए जाएंगे। इसे आसानी से बाद में निकाला जा सकता है।
रविवार शाम को नारायणमूर्ति ने IIM में हुए कार्यक्रम में छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए कई मैनेजमेंट टिप्स दिए। देश में गूगल, फेसबुक जैसी कंपनियां बनने में समय लगेगा, अभी देश में रोजगार का संकट है, बाद में रचनात्मकता की बात होगी। कोई कंपनी यदि अच्छा काम नहीं कर रही है तो इसके लिए उच्च पदों पर बैठे लोग जिम्मेदार हैं। यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह कंपनी का काम बेहतर करें। इंफोसिस की यह महत्वाकांक्षी परियोजना पांच वर्ष में पूरी होगी।