RBI ने सिबिल स्कोर को लेकर बनाए 5 नए नियम, 1 अप्रैल 2024 से होंगे लागू, लोन लेने वाले जान लें फायदे की बात…
रिजर्व बैंक ने सिबिल स्कोर को लेकर 5 नए नियम बनाए हैं।
1- ग्राहक को भेजनी होगी सिबिल चेक किए जाने की सूचना
RBI ने सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों से कहा है कि जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी किसी ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट (CIBIL Score) चेक करता है तो उस ग्राहक को इसकी जानकारी भेजा जाना जरूरी है। इसकी जानकारी एसएमएस या ईमेल के जरिए भेजी जा सकती है। दरअसल, CIBIL Score को लेकर कई शिकायतें सामने आ रही थीं, जिसके चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने ये फैसला लिया है
2- रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने की बतानी होगी वजह
रिजर्व बैंक के अनुसार अगर किसी ग्राहक की किसी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया जाता है तो उसे इसकी वजह बताया जाना जरूरी है। इससे ग्राहक को यह समझने में आसानी होगी कि किस वजह से उसकी रिक्वेस्ट को कैंसिल किया गया है। रिक्वेस्ट रिजेक्ट किए जाने की वजहों की एक लिस्ट बनाकर उसे सभी क्रेडिट इन्स्टीट्यूशन को भेजना जरूरी है
3- साल में एक बार ग्राहकों को दें फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट
RBI अनुसार क्रेडिट कंपनियों को साल में एक बार फ्री फुल क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score Full Report) अपने ग्राहकों को मुहैया कराया जाना चाहिए। इसके लिए क्रेडिट कंपनी को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक डिस्प्ले करना होगा, ताकि ग्राहक आसानी से अपनी फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट चेक कर सकें। इससे साल में एक बार ग्राहकों को अपना सिबिल स्कोर और पूरी क्रेडिट हिस्ट्री पता चल जाएगा।
4- डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना जरूरी
भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक अगर कोई ग्राहक डिफॉल्ट होने वाला है तो डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना जरूरी है। लोन देने वाली संस्थाएं SMS/ई-मेल भेजकर सभी जानकारी देंगी। इसके अलावा बैंक, लोन बांटने वाली संस्थाएं नोडल अफसर रखें। नोडल अफसर क्रेडिट स्कोर से जुड़ी समस्याएं सुलझाने का काम करेंगे।
5- 30 दिन में हो शिकायत निपटारा, वरना रोज लगेगा 100 रुपये जुर्माना
दूसरी ओर अगर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी 30 दिन के अंदर-अंदर ग्राहकों की शिकायत का निपटारा नहीं करती है तो फिर उसे हर रोज 100 रुपये के हिसाब से जुर्माना देना पड़ेगा। यानी जितनी देर से शिकायत का निपटारा किया जाएगा, उतना ही अधिक जुर्माना देना होगा। लोन बांटने वाली संस्था को 21 और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन का समय मिलेगा। 21 दिन में बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को नहीं बताया तो बैंक हर्जाना देगा। वहीं बैंक की सूचना के 9 दिन बाद भी शिकायत का निपटारा नहीं किया गया तो क्रेडिट ब्यूरो को हर्जाना चुकाना पड़ेगा।
अब जानते हैं कि लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए। अगर आप लोन के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे हैं, तो क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) शब्द कई बार सुना होगा। किसी भी लोन प्रोसेस में इसके महत्व को कम नहीं आंका जा सकता। सभी बैंक उधारकर्ता को पैसा उधार देने में शामिल जोखिम को समझने के लिए CIBIL Score की जांच करते हैं।
सिबिल स्कोर 300 और 900 के बीच एक तीन अंकों की संख्या है जिसकी सूचना एजेंसियों द्वारा क्रेडिट यूजर्स को सौंपी जाती है। ये बैंकों को को किसी व्यक्ति की साख और समय पर ऋण चुकाने की उनकी क्षमता का स्पष्ट विचार देता है। क्रेडिट इन्फॉर्मेशन एजेंसियां कारकों के आधार पर सिबिल स्कोर की रिपोर्ट प्रदान करती हैं। जैसे लोन लेने वाले की पेमेंट हिस्ट्री, क्रेडिट यूज रेश्यो आदि।
लोन लेने के लिए इतना होना चाहिए सिबिल स्कोर
बहुत ही अच्छा- 800 से 850
बहुत अच्छा- 799 से 740
अच्छा- 739 से 670
ठीक- 699 से 580
बहुत खराब- 579 से 300
कैसे खराब होता है सिबिल स्कोर
समय पर कर्ज का भुगतान न करने पर
क्रेडिट लिमिट से ज्यादा लोन लेने पर
लोन डिफॉल्ट होने पर
लोन सेटलमेंट करने पर
किसी का गारंटर बनने पर
जानिये, कम सिबिल स्कोर है तो क्या होगा?
अगर सिबिल स्कोर है तो दिक्कत होगी। पर्सनल लोन, होम लोन या बिजनेस लोन के लिए आवदेन दिया है तो बैंक से लोन मिलने में मुश्किल पेश आएगी। लोन की मंजूरी/नामंजूरी क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score Report) पर निर्भर होती है। कम सिबिल स्कोर हो तो लोन नामंजूर होने की आशंका ज्यादा होती है।