सचिन तेंदुलकर भारत रत्न से सम्मानित

सचिन तेंदुलकर आज ‘भारत रत्‍न सचिन तेंदुलकर’ हो गए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सचिन और प्रोफेसर सीएनआर राव को मंगलवार को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया। सचिन ने राष्‍ट्रपति भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ‘यह सम्‍मान मेरी मां के साथ साथ उन सभी माताओं को समर्पित है जिन्‍होंने अपने बच्‍चों के लिए दुआ की और उनके बच्‍चों के सपने सच हुए। मुझे इस देश में पैदा होने पर बेहद गर्व है। मैं अपने तमाम देशवासियों का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्‍होंने वर्षों तक मुझे प्‍यार दिया और मेरे लिए दुआ की। मैं भारत रत्‍न सम्‍मान के लिए प्रोफेसर सीएनआर राव को बधाई देना चाहता हूं जिन्‍हें भारत रत्‍न मिला है। प्रो. राव की प्रेरणा से देश के युवाओं के भीतर वैज्ञानिक बनने की प्रेरणा मिली। मैं उनके सुखद जीवन की कामना करता हूं। हालांकि मैं रिटायर हो चुका है लेकिन मैं भारत के बल्‍लेबाजी करता रहूंगा। तभी एक पत्रकारों ने ध्‍यानचंद के बारे में सचिन से सवाल किए, ‘सचिन जी ध्‍यानचंद पर कुछ बोलिए…’, लेकिन सचिन इस सवाल को टालकर वहां से चले गए।
राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में सचिन की पत्नी अंजलि और बेटी सारा भी मौजूद थीं। राष्ट्रपति की अनुमति से सम्मान समारोह हिंदी में आयोजित किया गया। पहले प्रोफेसर सीएनआर राव को और फिर सचिन को यह सम्मान दिया गया। इस मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री की पत्नी गुरशरण कौर, रक्षा मंत्री एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद और मीरा कुमार समेत कई नेता मौजूद थे।
क्रिकेट की पिच पर रिकॉर्डों की झड़ी लगाने वाले सचिन ने भारत रत्न लेते हुए भी कुछ रिकॉर्ड बनाए। देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान लेने वाले वह सबसे कम उम्र के शख्स और एकमात्र खिलाड़ी बन गए हैं। सचिन ने पिछले साल 16 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इसके तुरंत बाद उन्हें भारत रत्न देने का ऐलान कर दिया गया था। 40 साल के सचिन तेंदुलकर और 79 साल के सीएनआर राव को देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण भी मिल चुका है। इस तरह वे भारत रत्‍न से सम्मानित 41 लोगों की सूची में शामिल हो गए।
एक अधिकारिक बयान के अनुसार तेंदुलकर विश्व खेलों में देश के सच्चे एम्बेसडर हैं और क्रिकेट में उनकी उपलब्धियां अद्भुत हैं। उनके द्वारा हासिल किए रिकॉर्ड्स की बराबरी नहीं की जा सकती है और उनकी खेल भावना शानदार है। इसके मुताबिक, ‘उन्हें इतने सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया जाना, खिलाड़ी के तौर पर उनकी अद्भुत प्रतिभा का सबूत है। ’ तेंदुलकर ने 16 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया और अपने रिकॉर्डों से भरे शानदार प्रदर्शन से पिछले 24 साल में पूरी दुनिया में देश को गौरवान्वित किया। तेंदुलकर को भारत रत्‍न से नवाजे जाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी और खिलाड़ियों को इससे सम्मानित किए जाने के लिए पिछले साल ही भारत रत्‍न के पात्रता के मानदंड में संशोधन किया गया था। तेंदुलकर पिछले साल राज्यसभा के सदस्य बनने वाले पहले सक्रिय खिलाड़ी बने थे। भारत रत्‍न से नवाजे जाने वाले व्यक्ति को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर की हुई सनद (प्रमाण पत्र) और एक पदक दिया जाता है. इसमें कोई धन राशि नहीं होती।
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