महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर में दर्शन करने से पहले पढ़ लें

उज्जैन : महाशिवरात्रि पर दर्शन के लिए आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन एवं महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा व्यापक इंतजाम किए गए है। श्रद्धालुओं को तीन अलग-अलग कतार से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक बैरिकेडिंग और श्रद्धालुओं की सुविधा सेवा के प्रबंध भी किए गए है। भगवान के दर्शन का सिलसिला 42घंटे चलने वाला हैं। जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंध समिति के प्रयास है कि श्रद्धालु को अधिकत्तम एक घंटे में भगवान के दर्शन कराए जाए।

महाशिवरात्रि पर महाकाल के लिए प्रशासन ने मास्टर प्लान बनाया है। तीन अलग-अलग लेयर में दर्शन कराए जाएंगे। पहली लेयर आम भक्तों की होगी। दूसरा प्रोटोकॉल मार्ग और तीसरा हरि फाटक से एंट्री दी जाएगी।

महाशिवरात्रि पर डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इंदौर, देवास, नागदा और बडऩगर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कर्क राज मंदिर में पार्किंग रखी गई है।

यहां से श्रद्धालु पैदल गंगा गार्डन तक पहुंचेंगे। यहां जूता स्टैंड और लॉकर फैसिलिटी मिलेगी। पास ही के रास्ते से चारधाम मंदिर तक श्रद्धालु पहुंच सकेंगे। दर्शन के बाद प्रवचन हॉल के पास बने निर्गम द्वार से बाहर जाएंगे। तीन बैरिकेडिंग से श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा। दो बैरिकेडिंग आम श्रद्धालुओं के लिए और तीसरी बैरिकेडिंग 250 रुपए की रसीद लेने वालों के लिए होगा।

बीत दो साल से कोरोना के कारण लगे प्रतिबंध के बाद इस साल ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इसके लिए प्रशासन ने मास्टर प्लान बनाया है। तीन अलग-अलग लेयर में दर्शन कराए जाएंगे। पहली लेयर आम भक्तों की होगी। दूसरा प्रोटोकॉल मार्ग और तीसरा हरि फाटक से एंट्री दी जाएगी। महाशिवरात्रि पर डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।

दर्शन व्यवस्था ऐसी की गई है कि लाइन में लगने के 45 मिनट में बाबा महाकाल के दर्शन हो सकेंगे। यहां सुरक्षा व्यवस्था के लिए 1200 पुलिस अधिकारी और जवान तैनात किए गए हैं। उज्जैन शहर में अलग-अलग दिशा से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वाहन पार्किंग व्यवस्था पर अलग-अलग स्थानों पर की गई है।

वहीं रेलवे स्टेशन व बस स्टॉप से आने वाले श्रद्धालु शहर में चलने वाले वाहनों से महाकाल मंदिर तक प्रतिबंधित क्षेत्र तक पहुचंगे और वहां से पैदल मंदिर जाएंगे।

वहीं निजी वाहन से आने वालें श्रद्धालुओं को पार्किंग स्थल से निशुल्क ई रिक्शा से चार धाम छोड़ा जाएगा जहां से मंदिर के लिए लाइन में लगेंगे। श्रद्धालु जिस रास्ते से दर्शन करने जाएंगे उनकी वापसी भी उसी रास्ते होगी।

यहां रहेगी पार्किंग

इंदौर, देवास, मक्सी, आगर रोड की ओर से आने वाले वाहनों को हरिफाटक चौराहे पर मन्नत गार्डन, जंतर-मंतर, लालपुल चौराहा, नृसिंह घाट रोड तथा कर्कराज मंदिर के समीप पार्क किए जाएंगे।

बड़नगर, नागदा की ओर से आने वाले वाहनों को कार्तिक मेला ग्राउंड पर पार्क किए जाएंगे। जहां से श्रद्धालु पैदल चलकर नृसिंह घाट ब्रिज होते हुए ई रिक्शा के माध्यम से महाकाल मंदिर पहुंचेंगे।

पुजारी, प्रशासनिक अधिकारी, ड्यूटी करने वाले कर्मचारी व मीडियाकर्मी अपने वाहन गुदरी चौराहा से चौबीस खंभा की ओर से दानीगेट, रामानुज कोट, हरसिद्धि की पाल पार्किंग में रखेंगे। वहां से पैदल बड़ा गणेश मंदिर के समीप से महाकाल मंदिर पहुंचेंगे।

वीआइपी लोगों के वाहन हरिफाटक पुल से इंटरप्रीटिशन तिराहे होते हुए महाकाल वन की दीवार से भारत माता मंदिर के समीप महाकाल चौकी के पास वाहन पार्क करेंगे।

महाशिवरात्रि पर्व पर महाकाल मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है। मंदिर परिसर और आसपास के स्थानों की सुरक्षा के लिए 1200 पुलिस अधिकारियों व जवानों को तैनात किया गया है।

इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रखी जाएगी। आसपास के शहरों से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग के लिए अलग-अलग स्थान तय किए गए है। एसपी सत्येंद्र शुक्ला के अनुसार मंदिर व आसपास के क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चार एएसपी स्तर के अधिकारी लगाए गए हैं।

इसके अलावा 25 डीएसपी, 40 थाना प्रभारी, 70 एसआइ, 75 एएसआइ की ड्यूटी निर्धारित की गई है। प्रधान आरक्षक, आरक्षक, महिला पुलिस की संख्या एक हजार है।

इसके अलावा होमगार्ड व निजी स्वंयसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है। इन मार्गों की खास निगरानी महाकाल मंदिर परिसर में लगे मंदिर समिति के कैमरों के अलावा पुलिस द्वारा महाकाल से हरसिद्धि मार्ग, नृसिंह घाट, चारधाम मंदिर, त्रिवेणी संग्रहालय तथा हरसिद्धि की पाल पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।

इनसे कंट्रोल रूम से नजर रखी जाएगी। इसके अलावा स्मार्ट सिटी के तहत लगाए गए कैमरों के माध्यम से भी पुलिस कंट्रोल रूम से भीड़ व वाहनों की पार्किंग व्यवस्था पर नजर रहेगी।

महाकाल मंदिर के आसपास 500 मीटर की परिधि में ड्रोन कैमरों के उड़ाने पर रविवार को एडीएम संतोष टैगोर ने प्रतिबंध लगा दिया। बगैर अनुमति ड्रोन उडाने पर केस दर्ज किया जाएगा।

एडीएम टैगोर ने बताया कि मंदिर की सुरक्षा को देखते हुए आसपास के 500 मीटर क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। ड्रोन कैमरे के संचालन के लिए पहले सीएसपी से अभिमत लेने के बाद एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला अनुमति देंगे। आदेश का उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत केस दर्ज किया जाएगा।

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