शादी बर्बादी होती है
मुरख है जो यह कहते है
शादी से तो घर घर होता है
वर्ना चिड़िया घर सा होता है
बच्चों को माँ जैसे संभालती है
पत्निया पतियों को संभालती है
माँ प्यार से घर को एक मंदिर बनाती है
पत्निया उस मंदिर को अपनी जतन से आगे बढाती है
माँ बेटे का ब्याह रचा बहुएँ घर लाती है
बहुएँ फिर माँ बनती है
यही क्रम चलता जाता है
घर प्यार से स्वर्ग सा रहता है
वर्ना शादी बिन तो उजड़ा सा होता है जीवन
चारदिवारी में लगता नहीं है मन
ना जाने क्यों मर्द शादी बर्बादी होती है कहते है
शादी तो आबाद करती है उनका जीवन !
२०२३ की सबसे शानदार कविता
एक अकेला पार्थ खडा है भारत वर्ष बचाने को।सभी विपक्षी साथ खड़े हैं केवल उसे हराने को।।भ्रष्ट दुशासन सूर्पनखा ने माया जाल बिछाया है।भ्रष्टाचारी जितने कुनबे सबने हाथ मिलाया है।।समर…