इज़हारे इश्क़

मेरे दिल के ज़ज़्बे की तुम्हे, कुछ खबर तो है.
मेरी बातो का भी तुमपर, कोई असर तो है..

माना कि ज़ुबा से मैं ज़रा, काम कम लेता हूँ.
पर इज़हारे इश्क़ करने को, झुकी नज़र तो है..

यूँ तो अंदाज़ आपके, हर बात बयाँ करते हैं.
जवाब की फिर भी, तुम्हारे कसर तो है..

सोचता हूँ ये सोचना, कहीं भूल न हो मेरी.
कि दिल मे भी तुम्हारे उठा, कोई भंवर तो है..

कहे दिल जो तुम्हारा, करना वही फ़ैसला.
सह सकता हूँ इंकार भी, इतना ज़िगर तो है..

Author: Atul Jain Surana

Demo

Related Posts

२०२३ की सबसे शानदार कविता

एक अकेला पार्थ खडा है भारत वर्ष बचाने को।सभी विपक्षी साथ खड़े हैं केवल उसे हराने को।।भ्रष्ट दुशासन सूर्पनखा ने माया जाल बिछाया है।भ्रष्टाचारी जितने कुनबे सबने हाथ मिलाया है।।समर…

रंग… अब बिदा भये

बासन्ती बयारों के संग आये रंग, फ़ागुण में छाए और जमकर बरसे अगले बरस फिर लौटकर आने का वादा कर छोड़ गए अपनी रंगत चौक-चौबारों, गली-मोहल्लों में छोड़ गए अपने…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

सेक्स के अलावा भी कंडोम का उपयोग है?

सेक्स के अलावा भी कंडोम का उपयोग है?

शीघ्रपतन से छुटकारा, अपनाएं ये घरेलु उपाय

शीघ्रपतन से छुटकारा, अपनाएं ये घरेलु उपाय

सेक्स के लिए बाहर क्यूं मुंह मारते है पुरुष ?

सेक्स के लिए बाहर क्यूं मुंह मारते है पुरुष ?

गर्भनिरोधक गोलियों के बिना भी कैसे बचें अनचाही प्रेग्नेंसी से ?

गर्भनिरोधक गोलियों के बिना भी कैसे बचें अनचाही प्रेग्नेंसी से ?

कुछ ही मिनटों में योनि कैसे टाइट करें !

कुछ ही मिनटों में योनि कैसे टाइट करें !

दिनभर ब्रा पहने रहने के ये साइड-इफेक्ट

दिनभर ब्रा पहने रहने के ये साइड-इफेक्ट