कोरोना कहर में सुखद खबर….
कोरोना मरीजों के लिए राधास्वामी परिसर में 2 हजार बिस्तर….
★ पहले चरण में 500 बिस्तर होंगे
★ काम शुरू,जल्द ही होंगे तैयार
★ गत्ते के बने यूज एंड थ्रो बेड रहेंगे
इन्दौर। कोरोना के बेहद ही गंभीर दौर में जिला प्रशासन ने सुखद खबर दी है, कोरोना मरीजों के उपचार के लिए खंडवा रोड़ स्थित राधास्वामी सत्संग परिसर में कोविड केयर सेंटर बनाने का काम मंगलवार से शुरू कर दिया गया है। यहां मरीजों के लिए गत्ते के बेड लगाए जा रहे हैं। जरूरत पडऩे पर इन्हें खोलकर अलग या नष्ट भी किया जा सकता है। पहले चरण में यहां 500 बेड लगाए जा रहे हैं। जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर 2 हजार करने का लक्ष्य है। यहां वे मरीज रहेंगे, जिन्हें होम आइसोलेशन में परेशानी आ रही है। तीन दिन पुर्व प्रशासन ने यहां पर कोविड केयर सेंटर बनाने के लिए निरीक्षण किया था।
विकास प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय ने बताया कि मंगलवार से कॉन्ट्रैक्टर ने काम शुरू कर दिया है। यहां इतना बड़ा शेड है, कि एक लाख से ज्यादा लोग बैठ सकते है, इस आधार पर 5 हजार बेड की व्यवस्थाएं आसानी से की जा सकती हैं। प्रारंभिक तौर पर अभी 2 हजार बेड की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। गर्मी से बचाने के लिए कूलर के साथ ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। श्री श्रोत्रिय के अनुसार देश के किसी भी शहर में एक ही जगह पर इतने मरीजों को व्यवस्थाएं देने की यह सबसे बड़ी पहल होगी। इससे सभी मरीजों की एक स्थान पर देखभाल करने में भी आसानी होगी। यहां की मेडिकल संबंधी व्यवस्थाओं के लिए विशेषज्ञों की टीम भी पुरे समय तैनात रहेगी, वहीं धार रोड़ पर बनाए गए दत्तात्रेय कॉलेज कोविड केयर सेंटर में भी व्यवस्थाएं पूरी हो गई हैं। वहां 100 मरीजों को ठहरने की व्यवस्था की गई है।
■ क्यों पड़ी जरूरत
इंदौर में कोरोना का कहर जारी है। लगातार दूसरे दिन 1500 से ज्यादा मरीज सामने आए हैं। एक्टिव मरीज 9275 हो चुके हैं, जबकि कुल मरीज 82,597 हैं। पॉजिटिव दर 20.7 प्रतिशत है। हालात यह हैं कि सभी बड़े अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं। इस कारण राधास्वामी परिसर को कोविड केयर सेंटर बनाना पड़ा है, ऐसे ही कुछ अन्य स्थानों पर भी तैयारी जारी है।
■ रूके थे हजारों प्रवासी
खंडवा रोड़ स्थित राधा स्वामी परिसर कोरोना की पहली लहर में भी खूब कारगर साबित हुआ था, मार्च-अप्रैल 2020 में तब प्रवासी लोगों के साथ ही बड़ी संख्या में छात्रों के यहां पर रूकने की व्यवस्था की गई थी, यहां इन्हे भोजन भी उपलब्ध कराया जाता था, बाद में सभी को बारी-बारी से सैकड़ों बसों के व्दारा इनके गृह जिलों की और रवाना किया गया था, एक बार फिर ये परिसर कोरोना के बेहद ही गंभीर दौर में काम आ रहा है।।
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साभार :- शैलेन्द्र सिंह