कहा जाता है कि मित्रता से बढ़कर और कोई रिश्ता नही होता और हनुमान से बढ़कर कोई और मित्र नही होता, सम्पूर्ण विश्व साहित्य में हनुमान के समकक्ष कोई और पात्र दिखाई नहीं पड़ता है। हनुमान एक ऐसे चरित्र हैं जो सर्वगुण सम्पन्न हैं। सिर्फ अप्रतिम शारीरिक क्षमता ही नहीं, अलौकिक मानसिक दक्षता तथा अद्भुत चारित्रिक ऊंचाइयों के भी यह ...
Read More »Festival
राम और मर्यादा पुरषोत्तम राम
राम सिर्फ दो अक्षर का नाम भर नहीं है, रामनाम तो प्रत्येक प्राणी की चेतना में सांस की तरह बसा हुआ है, राम चेतना और सजीवता का प्रतीक हैं। अगर राम नहीं तो जीवन मरा है। भारतीय समाज में मर्यादा, आदर्श, विनय, विवेक, नेतृत्व, मित्रता, वीरता, एकाग्रता, लोकतांत्रिक मूल्यों और संयम का नाम राम है। राम प्रतिनिधित्व करते हैं मानवीय ...
Read More »मिलावटी मिठाइयों से सावधान !
त्यौहार के दिनों मे बाज़ार में नक़ली मावे और पनीर से बनी मिठाइयों का कारोबार ज़ोर पकड़ लेता है. आए-दिन छापामारी की ख़बरें सुनने को मिलती हैं कि फ़लां जगह इतना नक़ली या मिलावटी मावा पकड़ा गया, फ़लां जगह इतना. इन मामलों में केस भी दर्ज होते हैं, गिरफ़्तारियां भी होती हैं और दोषियों को सज़ा भी होती है. इस ...
Read More »सजेधजे सराफा की रौनक से चमके दुकानदारों के चेहरे
ये जो फोटो आप देख रहे हैं किसी शादी-सम्मेलन में सजावट का नहीं है। ये सौ साल पूरे कर चुके सराफा बाजार का है। दो-तीन महीने पहले तक समोसा कार्नर से सराफा चौक (भेरू बाबा मंदिर) तक दो पहिया वाहन से जाने पर भी दस बार सोचना पड़ता था क्योंकि वाहनों की रेलमपेल ऐसी रहती थी कि गाड़ी लगभग रेंगते ...
Read More »भारत के पांच प्रसिद्ध एवं अनोखे दशहरे!
दशहरा जिसे विजयदशमी या आयुध पूजा भी कहा जाता है भारत का प्रमुख त्योहार है जिसे भारत के हर कोने में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है । इसी दिन भगवान् राम ने रावण का वध कर के विजय प्राप्त की थी तथा देवी दुर्गा माँ ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के बाद महिषासुर पर विजय ...
Read More »सूर्य उपासना का पर्व है मकर संक्रांति
भारत में समय-समय पर अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं. इसलिए भारत को त्योहारों का देश कहना गलत न होगा. कई त्योहारों का संबंध ऋतुओं से भी है. ऐसा ही एक पर्व है . मकर संक्रान्ति. मकर संक्रान्ति पूरे भारत में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है. पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तब इस त्यौहार ...
Read More »श्री गणपति आदर्शों के संस्थापक हैं
भारतीय संस्कृति आदर्शों की संस्कृति है। हमारी संस्कृति में श्री राम, श्री कृष्ण के आदर्शों को हम व्यवहार में लाते हैं। साथ ही अन्य देवी-देवताओं की उपासना करते हैं। उसके पीछे भी यही उद्देश्य होता है कि उनके गुणों को उनके आदर्शों को हम आत्मसात करें। श्री गणेश भी ऐसे ही देव हैं, जिनके स्वरूप, आयुध मुद्रा आदि के द्वारा ...
Read More »हम रंगपंचमी क्यों मनाते हैं ?
त्रेता युग के प्रारंभ में श्री विष्णु ने धूलि वंदन किया, इसका अर्थ यह है कि ‘उस युग में श्री विष्णु ने अलग-अलग तेजोमय रंगों से अवतार कार्य का आरंभ किया। त्रेता युग में अवतार निर्मित होने पर उसे तेजोमय, अर्थात विविध रंगों की सहायता से दर्शन रूप में वर्णित किया गया है। होली ब्रह्मांड का एक तेजोत्सव है। तेजोत्सव ...
Read More »51 हजार दीपो से माँ गंगा आरती
चंदौली [ IDS ] देव दीपावली के अवसर पर वाल्मीकि की भूमि एवं पश्चिम वाहिनी माँ गंगा के तट पर गंगा आरती का आयोजन हुआ । वही 51 हजार दीपो से माँ गंगा के घाटो को सजाया गया ।गंगा सेवा समिति द्वारा गंगा तट पर गंगा आरती का आयोजन किया गया । आरती के समाप्त होते ही पूरा वातावरण माँ गंगा ...
Read More »महाकालेश्वर के दरबार में दिवाली मनाई गई
उज्जैन (IDS) मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित प्रमुख ज्योतिर्लिगों में से एक महाकालेश्वर के दरबार में गुरुवार तड़के दिवाली मनाई गई। महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया और जम कर आतिशबाजी हुई। मंदिर के पुजारी आशीष ने बताया कि दीप और रौशनी का त्योहार दिवाली सबसे पहले महाकाल के दरबार में मनाया जाता है, उसके बाद यहां दिवाली मनाने की शुरुआत ...
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