भारत की संस्कृति में मध्यप्रदेश जगमगाते दीपक के समान है, जिसकी रोशनी की सर्वथा अलग प्रभा और प्रभाव है। यह विभिन्न संस्कृतियों की अनेकता में एकता का जैसे आकर्षक गुलदस्ता है, मध्यप्रदेश, जिसे प्रकृति ने राष्ट्र की वेदी पर जैसे अपने हाथों से सजाकर रख दिया है, जिसका सतरंगी सौन्दर्य और मनमोहक सुगन्ध चारों ओर फैल रहे हैं। यहाँ के जनपदों की आबोहवा में कला, साहित्य और संस्कृति की मधुमयी सुवास तैरती रहती है। यहाँ के लोक समूहों और जनजाति समूहों में प्रतिदिन नृत्य, संगीत, गीत की रसधारा सहज रुप से फूटती रहती है। यहाँ का हर दिन पर्व की तरह आता है और जीवन में आनन्द रस घोलकर स्मृति के रुप में चला जाता है। इस प्रदेश के तुंग-उतुंग शैल शिखर विन्ध्य-सतपुड़ा, मैकल-कैमूर की उपत्यिकाओं के अन्तर से गूँजते अनेक पौराणिक आख्यान और नर्मदा, सोन, सिन्ध, चम्बल, बेतवा, केन, धसान, तवा नदी, ताप्ती, शिप्रा, काली सिंध आदि सर-सरिताओं के उद्गम और मिलन की मिथकथाओं से फूटती सहस्त्र धाराएँ यहाँ के जीवन को आप्लावित ही नहीं करतीं, बल्कि परितृप्त भी करती हैं।
भारत के परिक्षेत्र में मध्यप्रदेश का आमतौर पर संक्षिप्त रूप म. प्र. है। भारत के मध्य क्षेत्र में स्थित होने के कारण इसका नाम “मध्यप्रदेश” है। किसी देश या राज्य की भौगोलिक स्थिति, उस स्थान की ऐतिहासिक घटनाओं और आर्थिक विकास को बहुत अधिक प्रभावित करती है। यह अपने नागरिकों और उनके व्यवहार के दृष्टिकोण को भी प्रभावित करती है। भौगोलिक रूप से देश के केंद्रीय स्थान पर स्थित मध्यप्रदेश, वास्तव में भारत के हृदय समान है।
वर्ष 2000 तक, “मध्यप्रदेश” क्षेत्र के लिहाज में भारत का सबसे बड़ा राज्य था, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के बाद यह क्षेत्र के लिहाज में दूसरा सबसे बड़ा राज्य और जनसंख्या के लिहाज में सबसे बड़ा, छठा राज्य बन गया है। ब्रिटिश समय के दौरान यह भारत के ‘केन्द्रीय प्रांत’ के रूप में जाना जाता था। यह भारत के ऐसे कुछ राज्यों में शामिल है, जिसकी सीमाएं भारत के अन्य राज्य के साथ जुडती है, किंतु अन्य देशों तथा किसी भी तटीय रेखा के साथ नही जुडती। भौगोलिक दृष्टि से यह देश में केन्द्रीय स्थान रखता है। कुदरती संसाधनों से भरपूर इस राज्य में खेती के लिए उपजाऊ ज़मीन और अनुकूल मौसम है।
मध्य प्रदेश मध्य भारत का एक राज्य है, इसकी राजधानी भोपाल है। मध्य प्रदेश 1 नवंबर, २००० तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बडा राज्य था। इस दिन एवं मध्यप्रदेश के कई नगर उस से हटा कर छत्तीसगढ़ की स्थापना हुई थी। मध्य प्रदेश की सीमाऐं पांच राज्यो की सीमाओ से मिलती है| इसके उत्तर मे उत्तर प्रदेश, पुर्व मे छत्तीसगढ़, दक्षिण मे महाराष्ट्र, पश्चिम मे गुजरात, तथा पश्चिमोत्तर मे राजस्थान है |
मध्यप्रदेश पाँच सांस्कृतिक क्षेत्र निमाड़, मालवा, बुन्देलखण्ड, बघेलखण्ड और ग्वालियर और धार-झाबुआ, मंडला-बालाघाट, छिन्दवाड़ा, होशंगाबाद्, खण्डवा-बुरहानपुर, बैतूल, रीवा-सीधी, शहडोल आदि जनजातीय क्षेत्रों में विभक्त है। मध्य प्रदेश से नर्मदा अमरकन्टक से, चम्बल महु के पास जानापावा से एवं ताप्ती नदी बेतुल के मुलताई से निकलती है। तथा कर्क रेखा १४ जिलो से होकर जाती है |