India presents a cultural potpourri of number of religions with their own festivals and celebrations but the four major religions followed in India are Hinduism, Islam, Christianity and Sikhism in the descending order. There are a number of regional festivals which are celebrated in particular areas only. Bright colors, brightly lit religious places, illuminated houses, sweets and traditional dresses and dances and unwavering enthusiasm are the characteristics of all the festival holidays in India. Cuisine, dresses and ornaments, especially of the Indian women, with the profusion of golden, red and yellow colors, cultural and traditional performances and music, chariot and car procession of the deities and interesting folklores give the Indian festivals their universal appeal. The concept of universal brotherhood encompasses all the festivals of India and the vibrant colors, warm hospitality and infectious buoyant spirit of the Indians attract people from all over the world to take part in the Indian fairs and festivals.
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Editorial / Article
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श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर बावड़ी हादसा हुवा तब हादसे में पीड़ितों को बचाने का जो भी प्रयास किया गया वो चींटी की चाल जैसा था। बचाव दल ,प्रशासन,नगर निगम के पास ऐसी कोई सुविधा नही थी कि हादसे के शिकार लोगो को तत्काल कोई राहत दी जा सके। जब सब तरफ प्रशासन,नगर निगम,ओर बचाव दल फेल हो गए तब …
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City News, Sports
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हमारे शहर इन्दौर में कई ऐसे लोग हैं जो अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हैं और प्रतिदिन उनकी भोर सुबह की दिनचर्या मार्निंग वॉक, मॉर्निंग रन या मॉर्निंग सायक्लिंग से ही शुरू होती है, पर अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ दूसरे लोगों को विशेषकर गॉंव के बच्चों को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का निःस्वार्थ कार्य करने वाले बहुत कम …
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Editorial / Article, Poet's Corner
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बासन्ती बयारों के संग आये रंग, फ़ागुण में छाए और जमकर बरसे अगले बरस फिर लौटकर आने का वादा कर छोड़ गए अपनी रंगत चौक-चौबारों, गली-मोहल्लों में छोड़ गए अपने निशान, देह पर छोड़ी छाप घर-आँगन, मन आँगन में अक्स छोड़ गए रंग रंग… अब बिदा भये। अगले बरस फिर से लौटकर आने का वादा कर अलविदा हुए रंग। जो …
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Editorial / Article
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हमें माफ कर देना बाबा महांकाल, हम आपकी चौखट तक तो आ सकते हैं, लेकिन आपके गरीब भक्तों के लिए गर्भगृह में प्रवेश संभव नहीं होगा। उज्जैन नगरी के राजा आप भले ही है लेकिन अब यहां रामराज्य वाली सरकार है। आपके कैलाश पर्वत पर तो सभी भक्त-देव, भूत-प्रेत, सुर-असुर, नर-पशु सभी बगैर किसी शुल्क के दर्शन के लिए पहुंच …
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Editorial / Article
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अपनी हुकूमत के दौर में अंग्रेज़ हमारे देश में बहुत मज़े में रहे होंगे। हालाँकि हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने उन्हें कभी चैन से रहने नहीं दिया, लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि हम अंग्रेजों को ठीक तरह से प्रताड़ित नहीं कर पाए, और हमने बिना आंसुओं के उन्हें सुक्खा-सुक्खा ही विदा कर दिया। दरअसल, उस समय प्रताड़ित करने …
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Editorial / Article
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एक बार फिर मैं हाज़िर हूँ आप सुधि जल्वेदारों का “जलवा तड़तड़ी” लेकर…. आज हम बात करेंगे फिर उसी तिलस्म की जो टूटने का नाम ही नहीं ले रहा है…. ये वही तिलस्म है जो अपने कारनामें अमूमन रोज ही हमें दिखा रहा है…. लेकिन जिम्मेदारों को नहीं दिख रहा है… या यूं कहें कि वो इसे देख कर भी …
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Short/Funny Stories
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न्यायालय में एक मुकद्दमा आया, जिसने सभी को झकझोर दिया | अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं| मगर ये मामला बहुत ही अलग किस्म का था|एक 70 साल के बूढ़े व्यक्ति ने, अपने 80 साल के बूढ़े भाई पर मुकद्दमा किया था|मुकद्दमे का कुछ यूं था कि ‘मेरा 80 साल का बड़ा …
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Short/Funny Stories
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मत करो घमंड इतना कि मैं किसी को खिला रहा हूँ… क्या पता की हम खुद ही किसके भाग्य से खा रहे हैँ…?? एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया कि, एक व्यक्ति (भिखारी) आता है और भीड़ का लाभ उठाकर नाश्ता कर चुपके से बिना पैसे, दिए निकल जाता है। एक दिन जब वह खा रहा था तो एक …
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Editorial / Article
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आज इंदौर का जन्मदिन है इंदौर की स्थापना की भूली हुई कहानीयह तब की बात है, जब इंदौर में होल्कर नहीं आए थे। आज से लगभग 300 साल पहले ‘स्पेशल इकॉनोमिक ज़ोन’ के एक दूरदर्शी विचार के तहत इंदौर की स्थापना का बीज पड़ा और यह क्रांतिकारी कल्पना थी तब के इंदौर के ज़मींदार रावराजा नन्दलाल मंडलोई की। उन्होंने कर-मुक्त …
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Poet's Corner
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‘याद’ का ना होना ‘भूलना’ नहीं हैजैसे सुख का ना होना दुख नहीं हैऔर उम्मीद का ना होना नाउम्मीदी से अलग है एक समय के बादहोने और ना होने के बीचकोई फ़र्क नहीं रह जातादुःख की शक्ल सुख से मिलने लगती हैदुःख अंततः अपना लिया जाता हैफिर सुख का एक क्षण भीव्यवधान सा लगता है ‘याद’ जिए हुए सुख का …
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