सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी 25 नवम्बर को अम्बेडकर स्टेडियम स्थित डीटीसी बस टर्मिनल से दिल्ली-काठमांडू-दिल्ली बस सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इससे पहले कैबिनेट ने काठमांडू में होने वाले सार्क शिखर सम्मेलन के मौके पर भारत एवं नेपाल के बीच यात्री यातायात के नियमन के लिए द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी थी। कैबिनेट ने सार्क के अन्य सदस्य देशों के साथ इसी तरह के द्विपक्षीय समझौतों तथा प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर के लिए भी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को अधिकृत किया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट ने शिखर सम्मेलन में सार्क मोटर वाहन समझौते की पुष्टि किये जाने एवं इसके अनुमोदन को भी मंजूरी दी थी।
सार्क के परिवहन मंत्रियों ने 25 जुलाई, 2009 को कोलम्बो में अपनी दूसरी बैठक में परिवहन सम्बन्धी अन्तर सरकारी समूह (आईजीजीटी) की सिफारिशों को मंजूरी दी थी जिनमें एक विशेषज्ञ समूह के गठन की बात कही गई थी ताकि सार्क के सदस्य देशों के लिए मोटर वाहनों पर क्षेत्रीय समझौते के मसौदे पर विचार-विमर्श हो सके और फिर इसके मसौदे को अन्तिम रूप दिया जा सके। सार्क मोटर वाहन समझौते पर विशेषज्ञ समूह की तीसरी बैठक इसी साल 7-8 सितम्बर को नीमराना (राजस्थान) में हुई थी जिस दौरान इस समझौते के मसौदे पर विचार-विमर्श किया गया और फिर उसे अंतिम रूप दिया गया। नई दिल्ली में 30 सितम्बर को सार्क आईजीजीटी की 5वीं बैठक में इसका अनुमोदन किया गया। इस बैठक में मालदीव को छोड़ सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस समझौते में सदस्य देशों द्वारा अपने क्षेत्र में वस्तुओं एवं यात्रियों की आवाजाही के लिए दूसरे सदस्य देशों के वाहनों को चलाए जाने की अनुमति दिये जाने का प्रावधान है। हालांकि, इसके तहत विभिन्न शर्तों का पालन करना पड़ेगा और समझौते में जिक्र की गई प्रक्रिया के अनुरूप सदस्य देशों से इस तरह के परिवहन के लिए परमिट हासिल करना होगा। समझौते पर हस्ताक्षर हो जाने के बाद क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग बढ़ेगा। यही नहीं, सड़क परिवहन के जरिए इस क्षेत्र में वस्तुओं एवं यात्रियों की आवाजाही की इजाजत देकर बढ़ती क्षेत्रीय सम्पर्क के माध्यम से एकीकरण को भी बढ़ावा दिया जाएगा।