लटेरी (विनोद सूर्यवंशी) शिक्षा विभाग मे शिक्षको की मनमानी और अधिकारीयो की लापरवाही का यह कोई पहला मामला नही है ऐसे कई मामले आये दिन सुने और देखे जा सकते है। हालत इतने खराब हो चुके है कि लोगो का अब सरकारी स्कूलो से विश्वास उठता जा रहा है। हालाकि ऐसा भी नही है कि स्थानिय अधिकारी मामले से आछूते हो सब कि मिलीभगत से छात्रो के भबिष्य से खिलवाड हो रहा है। आज भी हालात यह कि स्कूलो मे छात्र आपनी थाली खुद साफ करते है। वही शिक्षक को किसी का कोई डर नही। ऐसे मामले आये दिन देखने के बाद ऐसा लगता है कि जैसे शिक्षक सरकार के कर्मचारी नही सरकार इनकी गुलाम हो। अगर हालात ऐसे ही रहे तो वो दिन दूर जब सरकारी स्कूलो मे छात्र ही नही मिलेगे।ऐसे मे सवाल यह कि आखिर जुम्मेदार अधिकारी आपने कर्त्वय से पीछे हटते क्यो नजर आ रहे है।कही ऐसा तो नही कि शिक्षको की पगार मे इनका भी हिस्सा समिल हो।बहराल यह तो वही जाने। 22दिसम्बर जब हमारी टीम ग्राम देहरीपामा पहुची तो देखा गया कि छात्र हेडपंप पर आपनी आपनी थालिया धोते नजर आये। इसी क्रम मे जब हमारी टीम रायपुरा पहुची तो वहा भी यही नजरा देखने को मिला। प्राथमिक शाला का एक शिक्षक और मिडिल शाला के प्रभारी अनुउपस्थित मिले। लेकिन हद तब हो गई जब ग्राम ककराज की शाला मे दो बजे ही ताले लटके मिले। एक बार पहले भी ककराज की शाला बंद पाई गई थी जिसमे अधिकारियो ने कार्रवाई का आश्वाशन दिया था। पर आज तक कोई कार्रवाई नही कि गई है। इसी क्रम मे जब हमारी टीम ग्राम खट्टेयापुरा पहुची तो वहा भी ताले लटके पाये गये।अब ऐसे हालातो मे आप ही बताये की ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे कैसे आपना भबिष्य संवारेगे। हालाकि समय समय पर बीआरसी सहित डीईओ महोदय को भी मामलो से अवगत कराया जाता रहा है।
“हमें किसी निर्दलीय से बात करने की आवश्यकता नहीं” – कमलनाथ
भोपाल में मीडिया से बात करते हुए कमलनाथ ने कहा कि आज क्या चर्चा करूँ कल इसी समय आइये लम्बी चर्चा करेंगे। मप्र में नई सरकार कांग्रेस की बनेगी या…