शिवपुरी (IDS-PRO) नगर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न भूमि स्वामियों द्वारा कृषि भूमि को आवासीय बताकर छोटे-छोटे प्लाटों के रूप में विक्रय कर अवैध काॅलोनी निर्माण का प्रयास किया जा रहा है। इस हेतु बड़े पैमाने पर लोग सक्रिय है तथा भोले-भाले लोगों को धोखा देकर प्लाटों का क्रय-विक्रय कर रहे है।
अपर कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी श्री डी.के.जैन ने सभी आमजन को यह सलाह दी है कि इस तरह के अवैध काॅलोनियों में प्लाट क्रय करने हेतु किसी भी प्रकार का अनुबंध/विक्रय पत्र निष्पादित न करें, जब तक कि उसकी वैधानिकता के संबंध में सभी कागजों का अवलोकन न कर लें।
उन्होंने बताया कि प्लाट क्रय करने से पूर्व उक्त जानकारी एवं दस्तावेज विक्रेताओं से प्राप्त कर ही क्रय किया जाए। जिसमें विक्रेता के पास सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी काॅलोनाईजर लायसेंस, जो कि कलेक्टर द्वारा दिया जाता है। म.प्र.भू राजस्व संहिता की धारा 172 के तहत भूमि का आवासीय प्रयोजन हेतु डायबर्सन जो कि अनुविभागीय अधिकारी द्वारा दिया जाता है, विकसित की जा रही काॅलोनी के अभिन्यास का ग्राम एवं नगर निवेश द्वारा अनुमोदन, कोलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्वधन, शर्तें, नियम 1998 के तहत प्रदाय की गई काॅलोनी विकसित करने की अनुज्ञा शामिल है। उपरोक्त दस्तावेज, जानकारी प्राप्त करने के पश्चात ही भू-खण्ड क्रय करने की कार्यवाही क्रेतागण करें। यदि उपरोक्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं तो वह काॅलोनी अवैध काॅलोनी की श्रेणी में आती है इस प्रकार की काॅलोनियों में भवन निर्माण एवं अन्य विकास कार्य की अनुमति जारी नहीं की जा सकेगी। यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार की अवैध काॅलोनियों में प्लाट क्रय करता है तो यह उसकी स्वयं की जवाबदारी होगी। इस संबंध में किसी को भी अन्य कोई सलाह या जानकारी प्राप्त करना हो तो वह कलेक्टर/अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय/तहसील कार्यालय से संपर्क कर सकता है। इस बारे में कोई शिकायत भी प्रस्तुत करना चाहे तो वह भी प्रस्तुत कर सकता है।