मेरे सम्मान को रौंदकर, मुझे बंधन में बांधकर मेरे वजूद को नष्ट कर, खुद पर अभिमान करना , कैसा इन्साफ है ?जो आज मेरे साथ हुआ क्या उसकी जिम्मेदार मैं हूँ । मेरी मासूमियत मेरी सच्चाई पर पर्दा डाल मुझे बेशर्म कहा गया, क्या इस घिनौने जुर्म की गुनाहगार मैं हूँ ।
बस करो अब बहुत हुआ। सवाल बहुत है लेकिन जवाब बस एक बदलाव। मानसिकता में बदलाव, पर डर है कहीं इंसानियत को झुका कर ये हंसती हुई हैवानियत मेरे लिए अभिशाप न बन जाए। समाज को बदलाव की जरुरत है, सोंच बदलेगी समाज बदलेगा। नारी सम्मान की हकदार है, अपमान की नहीं।
गर्ल्स चाइल्ड के साथ दिल्ली गैंग रैप पर दिए गए इस मैसेज ने सभी की आँखे नाम कर दी। साथ ही डांस की एक और प्रस्तुति बेटियों को मार देने पर आधारित प्रस्तुत की गई जिसे हाल में बैठे लोगों ने काफी सराहा। गणेश वंदना के साथ शुरू हुए थिरकन के 4 घंटे के सफ़र में कत्थक , हिप-हॉप, वॉलीवुड, जैज, क्रमपिंग, जैसी प्रस्तुतियां का बेहतरीन परफार्मेंस दिखाई दिया । इस कार्यक्रम के कोरियोग्राफर आनर तरुण बरौड़ का उद्देश्य नॉन डांसर स्टूडेंटों को स्टेज प्रोवाइड करवाना है।