मॉं

मॉं है ईश्वर की इबादत
मॉं है प्रेम की ईबारत
मॉं है मन में श्रद्धा का भाव
मॉं है धूप में गुलमोहर की छॉंव
मॉं है अपनत्व की सेज
मॉं है सूरज का तेज
मॉं है ममता का सागर
मॉं है खुशियों की गागर
मॉं है शीतल सी चॉंदनी
मॉं है सुरो की रागिनी
मॉं है दीपों का पर्व
मॉं है वीरों का गर्व
मॉं है पक्षियों की चहक
मॉं है माटी की सौंधी महक
मॉं है सुखों का कोष
मॉं है जीने का जोश
मॉं है घर की बरकत
मॉं जिसके पैरों में जन्नत

Author:– डॉ. मनीषा शर्मा
शिक्षाविद एवं साहित्यकार

Related Posts

इंसान सिमट गए पैसों में

खो गईं वो चिठ्ठियाँ जिसमें “लिखने के सलीके” छुपे होते थे, “कुशलता” की कामना से शुरू होते थे। बडों के “चरण स्पर्श” पर खत्म होते थे…!! “और बीच में लिखी…

भारत माता की बेटी को न्याय क्यों नहीं मिला

पुकारती है निर्भया लोकतंत्र के अपने उन अधिकारों कोकहना चाहती दर्द वो अपना सत्ता के भेड़िए नेताओ कोनोच नोच कर खाने वाले बलात्कारी नरभक्षी हेवानो कोचुप क्यों हो जाता प्रशासन…

One thought on “मॉं

Leave a Reply to Dr. Ram Baran Yadav Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

सेक्स के अलावा भी कंडोम का उपयोग है?

सेक्स के अलावा भी कंडोम का उपयोग है?

शीघ्रपतन से छुटकारा, अपनाएं ये घरेलु उपाय

शीघ्रपतन से छुटकारा, अपनाएं ये घरेलु उपाय

सेक्स के लिए बाहर क्यूं मुंह मारते है पुरुष ?

सेक्स के लिए बाहर क्यूं मुंह मारते है पुरुष ?

गर्भनिरोधक गोलियों के बिना भी कैसे बचें अनचाही प्रेग्नेंसी से ?

गर्भनिरोधक गोलियों के बिना भी कैसे बचें अनचाही प्रेग्नेंसी से ?

कुछ ही मिनटों में योनि कैसे टाइट करें !

कुछ ही मिनटों में योनि कैसे टाइट करें !

दिनभर ब्रा पहने रहने के ये साइड-इफेक्ट

दिनभर ब्रा पहने रहने के ये साइड-इफेक्ट