इंदौर । खेरची व्यापारी किस परिस्थिति में… उसकी आर्थिक हालात क्या होगी इसकी किसी ने कल्पना की… अब तक 70 दिनों से ऊपर हो चला कारोबार तालाबंदी में… आगे 30 जून 2020 तक कंटेंमेंट झोन… सजा ए बर्बाद इंदौर के खेरची व्यापारी ( राजबाड़ा सांठा बाजार याद बाजार रेडीमेड वस्त्र, सीतलामाता बाजार, सराफा बर्तन बाजार, पुस्तक बाजार, मारोठिया, कपड़ा मार्केट ) 2000 से अधिक व्यवसायिक संस्थान तालाबंदी के चलते आर्थिक तंगहाली में पहुंच गये , लेकिन किसे परवाह …. यही व्यापारी समुदाय हर तीज त्यौहार , चुनाव हो या प्राकृतिक आपदा मानव सेवा के कारीबय धार्मिक अनुष्ठान दिल से उदारता से सहयोग करता है लेकिन आज 70 दिन से ज्यादा बिन कारोबार जीवनयापन कठिनाइयों से कर रहा है लेकिन इंदौर के जन सेवक समुदाय सत्तारूढ़ दल और विपक्ष कानो में रुई डाले हुए है … । निश्चित रूप से अब पश्चिम क्षेत्रबक खेरची व्यापारी के धैर्य और सहनशीलता की पराकाष्ठा पार हो चुकी है । व्यापारियों का आक्रोश फूटने की कगार पर खड़ा है । सरकार पक्ष की इस खेरची व्यापारिक समुदायबको कोई राहत साहनुभूति नही … सरकार को अविलंब इंदौर के पश्चिम क्षेत्र के खेरची व्यापारियों को राहत देने की सिफारिश कर एलान करना चाहिए। इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोशियशन के अक्षय जैन ने इस बाबत केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी , राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी ओर इंदौर के सांसद श्री शंकर जी लालवनी को पत्र लिखकर राहत दिलावाने की मांग की है । केंटनमेन्ट झोंन में पश्चिम क्षेत्र का व्यवसायिक क्षेत्र मार्केट तालाबंदी में रहते तो कैसे जीवनयापन करे और किस तरह अपने स्टाफ कर्मचारियों का पेट पालेंगे यह सबसे बड़ा चिंता का विषय है इस पर अविलंब फैसला लेना होगा। सरकार की नासमझी ओर लेटलतीफी की नीति परिस्थितियों को विस्फोटक बना सकती है ।
लेखक : अक्षय जैन
एक झलक चिंता के इस बिंदु पर
एक झलक चिंता के इस बिंदु पर
…. व्यापारी बन्धु बड़ी विकट हालात में बयां नही कर सकते है । दैनिक आर्थिक संचालन प्रबंधन नगदी आवाजाही के व्यापार से व्यवसायिक प्रबंधन करने वाला 70 दिन से घर की पूंजी खा चुका अब सम्भव नही … साथ ही पूँजीविहीन हालात में व्यापार संचालन की स्थिति भी नही रह गई … वह क्या करे इस संताप में टूट रहा है अगर किसी ने सान्तवना निहि दी तो अधिकांश व्यापारी डिप्रेशन का शिकार हो जाएगा ।