तलाक होने के बाद एक युवती ने दिल को छू लेने वाली बात कही है l मेरे पति से थोड़ी कहा सुनी होने के बाद वो मुझे मायके लेने आए थे, लेकिन तब कुछ झूठे रिश्तेदारों और कुछ मायके के लोगों की बातों में आकर मैं साथ नहीं गई l
नई नई शादी हुई थी, मतलब सात आठ महीने हुए थे l भावि परिणाम सोचे बिना बहकावे में आ गई l अहं संतुष्टि के प्रयास में सबक सिखाने के लिए उल्टा पति और ससुराल वालों को दहेज के झूठे केस में धोखे से फँसा दिया l
पर अब धीरे धीरे 6 साल हो चुके हैं और मैं घर पर ही बैठी हूँ l केस झूठे थे तो समय गुजरते मेरे पति और ससुराल वाले अदालत से बरी हो गए l मेरे पति की दोबारा शादी हो गई l
आज सोचती हूँ, मेरे पति लेने आए तब ही उनके साथ चली जाती तो आज मेरे भी एक दो बच्चे होते और मैं भी अपनी सहेलियों की तरह खुश होती !!! अपने पति के संग !! थोड़ी बहुत कहा सुनी तो होती रहती है l बात को तूल देकर बढ़ाने का ही परिणाम है कि आज मैं अंधकारमय जीवन ढ़ोते हुए घर पर बैठी हूँ l
साथ कोई नहीं देगा, पर सलाह सब देंगे…!!! आखिर में आपकी ही जिंदगी तबाह हो जाएगी…!!
अगर कुछ कहा सुनी हो जाती है तो रिश्तो को खत्म करने से अच्छा है दो-चार दिन रुठ जाएँ l ज्यादा मान मनौअल की अपेक्षा संबंध को खराब कर देते हैं l लड़की को चाहिए कि रिश्तेदारों और माता-पिता के बहकावे में कभी न आयें l शादी के बाद मायके के आश्रित रहने का प्रयास न करें l जीवन ससुराल में कटना है – न कि मायके में !!
जिंदगी एक लड़की की बरबाद हो जाती है – न कि रिश्तेदारों या माता-पिता की l घुट-घुट कर शेष जीवन गुजरता है l ‘तलाक़शुदा लडक़ी को’ ‘समय गुजरते’ ‘माँ- बाप भी बोझ समझकर ताने देने लगते हैं l’ माँ-बाप के घर भी दिन भर काम में लगे रहना पड़ता है l कई बार जीवन लीला समेट लेने को मन करता है l
मेरा निवेदन है लड़की खुद अपनी ससुराल में माँ-बाप को दखलंदाजी न करने दे l छोटी-छोटी बातों का दखल लड़की का जीवन बरबाद कर देता है !!! मायके में कितनी भी सुख समृद्धि हो, पर असली मानसिक शांति और संतुष्टि तो ससुराल में ही मिलनी है l
सोचिएगा जरूर !!!