सांवरियां ले चल परली पार
कन्हैय्या ले चल परली पार
जहाँ विराजे राधा रानी, अलबेली सरकार
सांवरियां …
गुण अवगुण सब तुझको अर्पण,
पाप पुण्य सब तुझको अर्पण,
बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण
यह जीवन भी तेरे अर्पण,
मैं तेरे चरणों की दासी, मेरे प्राण आधार
सांवरियां…
तेरी आस लगा बैठी हूँ
लज्जा शील गवां बैठी हूँ,
आंखें खूब पका बैठी हूँ,
अपना आप लुटा बैठी हूँ,
सांवरियां में तेरी रागनी, तू मेरा मल्हार
सांवरियां…
जग की कुछ परवाह नहीं है,
तेरे बिना कोई चाह नहीं है,
कोई सूझती राह नहीं है,
तेरे मिलन की आस यही है,
मेरे प्रीतम मेरे माझी, कर दो बेडा पार
कन्हैय्या ले चल…
जहाँ विराजे राधा रानी, सब रसिको की सरदार
आनंद घन यहाँ बरस रहा है,
पत्ता पत्ता हर्ष रहा है,
हरी बेचारा तरस रहा है,
पीपी कह कोई बरस रहा है,
बहुत हुई अब हार गयी मैं, मेरे प्राण आधार,
नैय्या ले चल परली पार….
सांवरियां ले चल परली पार
कन्हैय्या ले चल परली पार
जहाँ विराजे राधा रानी, अलबेली सरकार
सांवरियां …
Author: Govind Gupta (गोविंद गुप्ता)