तकती रही
राह मै तेरी ,,
करती रही इंतजार ,
मै तेरी ,
बीते दिन ,
कटे महीने ,
गुजर गए ,
अब ,जाने,
कितने साल ,
खामोश हो गई जुबां ,
नैनो ने नीर सोख लिया है ,
कुसुम सी, जिन्दगी ,
अब बिरहन हो गई है ,
धुंधली हो गई आँखे ,
दिल में धूल जमी है,
यादो में बसा है ,
वो एक चेहरा ,
जिसमे नहीं नमी है ,
आते ही याद उसकी
मन तितली , वो भौरा ,
तन कंचन हो जाता है
तब “प्रेम” की फुनगी ,
फूटती है अंग -अंग से !!!
Author: Neelu Prem (नीलू प्रेम)
Neelu ji bahut sundar aur behatreen rachna hetu badhayi….